नयी दिल्ली/न्यूयॉर्क, सितंबर 26 -- रूस, चीन, ईरान और पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान में और उसके आसपास किसी भी अमेरिकी सैन्य अड्डे की स्थापना का कड़ा विरोध किया है और इस बात पर ज़ोर दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए।

इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से इतर मुलाकात की और एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देश उस देश की संप्रभुता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गरिमा का सम्मान करते हैं।

चारों विदेश मंत्रियों की यह बैठक और संयुक्त बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अफ़ग़ानिस्तान को बगराम हवाईअड्डा अमेरिका को सौंपने की धमकी देने के बाद महत्वपूर्ण हो गया है।

अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने अमेरिका की धमकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वे अपनी ज़मीन का एक इंच भी हिस्सा नहीं देंगे। उन्होंने अमेरिका को "धौंसिया" भी कहा।

विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफ़ग़ानिस्तान को सहायता प्रदान करने और देश को स्थिर रखने की साझा इच्छा रखता है। चारों विदेश मंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए।

बयान में मंत्रियों ने बताया कि उन्होंने "मौजूदा स्थिति के लिए ज़िम्मेदार" देशों द्वारा अफ़ग़ानिस्तान और उसके आसपास सैन्य ठिकानों की पुनर्स्थापना का कड़ा विरोध दोहराया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित