जयपुर , अक्टूबर 08 -- प्रसिद्ध लोककला विशेषज्ञ डा रूमादेवी ने बुधवार को यहां सुमंगल दीपावली मेला-2025 का भ्रमण किया और राजीविका की स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं द्वारा प्रदर्शित कलाकृतियों की सराहना की।
श्रीमती रुमा देवी ने महिला कलाकारों के कौशल, नवाचार और पारंपरिक कला को एक साथ प्रस्तुत करने के प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताते हुए कहा कि इस प्रकार के मंच ग्रामीण महिला कलाकारों को पहचान और सशक्तिकरण के अवसर प्रदान करते हैं।
मेले में विदेशी आगंतुकों ने भी भ्रमण किया और राजीविका की महिला सदस्यों द्वारा प्रदर्शित हस्तशिल्प उत्पादों एवं स्थानीय व्यंजनों में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के कौशल, उत्पादों की गुणवत्ता एवं पारंपरिक कला की विविधता की प्रशंसा की और भारतीय संस्कृति को नज़दीक से समझने में गहरी रुचि व्यक्त की।
ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) द्वारा आयोजित सुमंगल-दीपावली मेला-2025 में पारंपरिक लोक कला और चित्रकला को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया, जिसने मेले में आये लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। मेले में स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों द्वारा निर्मित चित्रकला का अनूठा संगम देखने को मिला, जिसमें जयपुर की मंडला आर्ट, प्रतापगढ़ की मंडना कला, अजमेर की बनी ठनी एवं पिचवाई पेंटिंग, तथा जयपुर की हैंड पेंटिंग प्रमुख रूप से प्रदर्शित की गईं।
यह प्रदर्शनी न केवल ग्रामीण कला को एक सशक्त मंच प्रदान कर रही है, बल्कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सृजनशीलता एवं आत्मनिर्भरता का भी सशक्त उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। सुमंगल दीपावली मेला गत एक अक्टूबर से आगामी 12 अक्टूबर तक इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, जयपुर में प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से रात नौ बजे तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए उत्पाद, पारंपरिक परिधान, हस्तशिल्प और प्रामाणिक व्यंजन विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
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