रुद्रप्रयाग , नवंबर 08 -- उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में जनपद रुद्रप्रयाग में रजत जयंती सप्ताह बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में शनिवार को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर अगस्त्यमुनि क्रीड़ा मैदान में राज्य आंदोलनकारियों का भव्य सम्मान समारोह जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग के तत्वावधान में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर राज्य निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों को स्वयं जिलाधिकारी प्रतीक जैन सहित पूरे जिला प्रशासन द्वारा अंगवस्त्र एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ढोल-दमाऊ की पारंपरिक धुनों के साथ राज्य आंदोलनकारियों के स्वागत से हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के गायन से हुई। तत्पश्चात जिलाधिकारी एवं राज्य आंदोलनकारियों ने दीप प्रज्वलित कर राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए तीन महान आंदोलनकारियों - अशोक कैशिव, यशोधर बेंजवाल एवं राय सिंह बांगरी - के छायाचित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
जीजीआईसी अगस्त्यमुनि की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। इसके उपरांत जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने राज्य आंदोलनकारियों एवं उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा "हम सब आज उत्तराखंड राज्य की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह अवसर उन सभी आंदोलनकारियों को नमन करने का है जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से यह राज्य अस्तित्व में आया। आज उत्तराखंड अपने विकास की नई ऊँचाइयों को छू रहा है - चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन या आधारभूत संरचना का क्षेत्र हो, हर दिशा में प्रदेश प्रगति कर रहा है।"उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग जनपद, जिसका गठन राज्य बनने से तीन वर्ष पूर्व 1997 में हुआ था। बीते 25 वर्षों में विकास की नई मिसाल बना है। जनपद में वर्तमान में 634 प्राथमिक विद्यालय, 193 जूनियर हाई स्कूल, 151 माध्यमिक विद्यालय, पांच विश्वविद्यालय, आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक संस्थान, तथा जिला अस्पताल सहित अनेक पीएचसी संचालित हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद बाबा केदारनाथ जी की तपोभूमि होने के कारण धार्मिक पर्यटन का केंद्र है, और यह क्षेत्र राज्य की आर्थिक प्रगति में विशेष भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2025 की यात्रा में 17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए हैं। साथ ही तुंगनाथ, मद्महेश्वर व कार्तिकस्वामी की यात्राओं में भी लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। जिससे स्थानीय जनमानस की आर्थिकी में निरंतर वृद्धि हुई है। उन्होंने सभी आंदोलनकारियों और नागरिकों को राज्य की रजत जयंती की शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी एवं जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने सभी राज्य आंदोलनकारियों को अंगवस्त्र व फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा उत्तराखंड की लोकसंस्कृति एवं राज्य आंदोलन पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दी गईं, जिन्होंने समूचे वातावरण को उत्सवमय बना दिया।
कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी मदन सिंह कोटवाल द्वारा भी अपना संस्मरण साझा किया गया।
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