नई दिल्ली , सितंबर 03 -- बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के नेताओं का बिहार का दौरा शुरू हो गया हैं। भारतीय जनता पार्टी जहां कांग्रेस और आरजेडी पर हमलावर है। जबकि दूसरी ओर विपक्षी दल भी जेडीयू और भाजपा पर निशाना साध रहे है। इस बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले कांग्रेस पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की एंट्री से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के बाद अब रणनीति के अगले चरण पर कांग्रेस पार्टी ने काम करना शुरू कर दिया है।

चुनावी प्रचार अभियान के तहत कांग्रेस आलाकमान ने तय किया है कि प्रदेश के हर जिले में बड़े नेताओं की सभाएं आयोजित होगी। इसका खाका लगभग तैयार है। छह अक्टूबर के बाद से दिग्गज कांग्रेस नेताओं को जिले स्तर पर प्रचार करने के लिए उतारे जाने की तैयारी है। कांग्रेस पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की योजना है कि सभी जिलों में राज्यसभा और लोकसभा सांसद, पूर्व मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

ऐसे कार्यक्रमों के जरिये पार्टी विधानसभा क्षेत्र में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बड़े आयोजनों से पैदा हुई लहर को जमीनी स्तर पर स्थानीय मुद्दों और प्रत्याशियों के समर्थन में वोटों में बदलने की कोशिश करेगी।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, कांग्रेस के इस निर्णय से जमीनी स्तर पर अच्छा संदेश जाएगा। वहीं, यह कार्यक्रम महागठबंधन के लिए भी अहम साबित होगा। क्योंकि जनता में इसका सीधा संदेश जाएगा कि महा गठबंधन में कांग्रेस की हिस्सेदारी सांकेतिक मात्र नहीं है। पार्टी जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं। दिग्गज नेता जमीन पर उतरकर लोगों से मुलाकात कर रहे है। पार्टी अपने दम पर उम्मीदवारों के समर्थन में अकेले भी भीड़ जुटाने और वोटरों को आकर्षित करने का दम खम रखती है।

नेताओं का मानना है कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने दौरे, पद यात्रा और रैलियों से बिहार में वोट चोरी की आवाज बुलंद कर दी है। लेकिन अब इन मुद्दों को निरंतर जनता के बीच बनाए रखने की जरूरत है। ऐसे में दिग्गज नेताओं के दौरे से प्रदेश में माहौल बनेगा। साथ ही जिलों में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी से पार्टी संगठन को भी मजबूती मिलेगी। बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता अपने नेता के साथ खड़े दिखेंगे तो उनकी ऊर्जा और बढ़ेगी। चुनाव से पहले इन कार्यक्रमों से निष्क्रिय कार्यकर्ता भी सक्रिय होंगे और चुनावी मैदान में पूरी क्षमता के साथ जुटेंगे।

हालाँकि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार दिल्ली और पटना में बैठक कर रही है। प्रत्याशी चयन को लेकर भी कांग्रेस सक्रिय है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक अंतिम दौर में चल रही है। महागठबंधन के नेताओं के अनुसार सीट शेयरिंग पर भी अंतिम मुहर जल्द लगेगी।

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