नयी दिल्ली , अक्तूबर 30 -- बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि किसी भी देश की सच्ची एकता राष्ट्र की सामूहिक चेतना से उत्पन्न होती है।
श्री खान ने गुरूवार को यहां दिल्ली विधानसभा में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, "एकता ईंट-पत्थरों से नहीं बनती, एकता भावना से उत्पन्न होती है और भावना विचार से जन्म लेती है।"उन्होंने 'सरदार पटेल और भारत के एकीकरण की यात्रा' शीर्षक पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "भारत को विकसित और अग्रणी राष्ट्र" बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए लोगों को सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा जीवनभर साधे गए आदर्शों और मूल्यों को निरंतर स्मरण और जागृत रखना होगा।
श्री खान ने आदि शंकराचार्य से सरदार पटेल की तुलना करते हुए कहा कि जैसे शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत के माध्यम से भारत की आध्यात्मिक एकता स्थापित की, वैसे ही सरदार पटेल ने साहस और दृढ़ विश्वास से भारत की राजनीतिक एकता को मूर्त रूप दिया। श्री खान ने कहा कि कई रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल का ऐतिहासिक राष्ट्र-निर्माण कार्य था, "जो बिस्मार्क के जर्मनी एकीकरण से भी महान था।"उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने के निर्णय को "भारत की एकता के शिल्पी के प्रति उपयुक्त श्रद्धांजलि" बताया, जो राष्ट्र की कृतज्ञता और सम्मान की अभिव्यक्ति है।
इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "किसी राष्ट्र की शक्ति उसकी सैन्य ताकत में नहीं, बल्कि उसके हृदयों और उद्देश्यों की एकता में निहित होती है।" उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की दूरदर्शिता और साहस ने विभाजित भारत को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में रूपांतरित किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि सरदार पटेल ने आशा को समरसता में और स्वतंत्रता को राष्ट्रत्व में परिवर्तित किया। उनकी कूटनीति, दृढ़ निश्चय और भारतीय आत्मा में अटूट विश्वास ने कई रियासतों को एक भारत में पिरोया तथा भावी पीढ़ियों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) जैसी सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था की नींव रखी।
कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि सरदार पटेल की विरासत भारत की शक्ति, सत्यनिष्ठा और अखंडता की प्रतीक है। उन्होंने कहा, "शायद, अन्य कई महान विभूतियों की तरह सरदार पटेल को भी लंबे समय तक उपेक्षित रखा गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि यह ऐतिहासिक अन्याय समाप्त हो।" उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के माध्यम से सरदार पटेल के आदर्शों को न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में अमरता मिली है।
स्वराज आश्रम, बारडोली की प्रशासक निरंजनाबेन कालारथी ने कहा, "यह पूरे विश्व के लिए गर्व का विषय है कि सरदार पटेल ने 565 में से 562 रियासतों को एकजुट करते समय एक बूंद भी रक्तपात नहीं होने दिया।" उन्होंने कहा कि "संवाद, स्नेह, कूटनीति, दूरदर्शिता और व्यावहारिक दृष्टि" के माध्यम से सरदार पटेल ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक, सोमनाथ से अरुणाचल तक एक सशक्त और एकीकृत भारत का निर्माण किया।
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