श्रीनगर , अक्टूबर 28 -- जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्वीकार किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग मुगल रोड के बंद होने से इस वर्ष घाटी में बागवानी उत्पादों, खासकर सेबों की आपूर्ति और बाज़ार तक पहुंच में भारी व्यवधान आया। सरकार का हालांकि कहना है कि नुकसान की भरपाई और भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थायें और राहत उपाय शुरू किये गये हैं।

विधानसभा में मंगलवार को पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, सरकार की ओर से बताया गया कि सितंबर 2025 में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग कुछ दिनों के लिए बंद रहे, जिससे सेब से लदे ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हुई। फल मंडियों तक उपज की आपूर्ति को व्यवस्थित रखने के लिए तत्काल कदम उठाये गये।

कश्मीर घाटी के फल और सब्जी मंडियों से लगभग 50 प्रतिशत उपज स्थानीय स्तर पर बेची जाती है, जबकि शेष उपज को सीधे बागानों या बाहरी गोदामों से देश के विभिन्न बाजारों में ले जाया जाता है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए पात्र किसानों को एसडीआरएफ/ एनडीआरएफ के तहत सहायता प्रदान दी जायेगी, जिसके लिए जिला कलेक्टर की देखरेख में दावों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, सेब से लदे ट्रकों की आवाजाही प्रभावित न हो, इसके लिए मुगल रोड को वैकल्पिक मार्ग के रूप में पूरी तरह से चालू कर दिया गया है। इसके अलावा, विभाग ने रेलवे नेटवर्क के माध्यम से कश्मीर से देश के अन्य हिस्सों में सेब के निर्यात को सुगम बनाने के लिए भारतीय रेलवे के साथ सहयोग किया है।

ट्रकों की कमी को दूर करने तथा बागवानों को समय पर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन मंत्रालय के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये गये हैं।

सरकार का कहना है कि इन उपायों से सेब किसानों और व्यापारियों का वित्तीय नुकसान कम हुआ है और भविष्य में ऐसी आपातकालीन स्थितियों में उपज की डिलीवरी के लिए वैकल्पिक मार्ग और व्यवस्था पहले से तैयार की जायेगी।

जनप्रतिनिधियों ने सरकार से पारदर्शी तरीके से नुकसान का आकलन करने और प्रभावित किसानों को यथाशीघ्र वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है, ताकि वे अगले सीजन के लिए पुनः निवेश कर सकें।

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