गांधीनगर , नवंबर 24 -- केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, सुरक्षा और सामरिक भाषा विद्यालय (एसआईसीएसएसएल) ने गुजरात के गांधीनगर के लावड़ में 'भारत-रूस द्विपक्षीय संबंध आपातकालीन तैयारी और मानवीय सहयोग' विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

आरआरयू की ओर से सोमवार को यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार हाल ही में आयोजित इस सम्मेलन में रूसी आपातकालीन स्थिति मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। रूसी प्रतिनिधिमंडल में कर्नल स्मिगालिन सर्गेई निकोलायेविच, प्रमुख, प्रशिक्षण संगठन विभाग, मुख्य अग्निशमन विभाग, कर्नल ऑफ इंटरनल सर्विस, कर्नल वालमन एंड्री एंड्रीविच, प्रमुख, पर्वतारोहण और पैराशूट प्रशिक्षण विभाग, कर्नल रिज़ेंको लीलिया मंसुरोवना, प्रमुख, वरिष्ठ निरीक्षक, अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों की योजना और सहायता विभाग, आंतरिक सेवा की कर्नल, कैप्टन किरिलोवा ओल्गा लियोनिदोवना, वरिष्ठ निरीक्षक, चिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक सहायता संगठन विभाग और इज़मेलोवा ज़ुल्फ़िया रशीतोवना, वरिष्ठ निरीक्षक, मुख्य विशेषज्ञ - विशेषज्ञ, प्रादेशिक निकायों के समन्वय विभाग, सूचना नीति विभाग इसमे शामिल हुए। इसका आयोजन भारत में रोसोट्रुडनिचेस्टवो प्रतिनिधि कार्यालय के सहयोग से किया गया।

यह कार्यक्रम भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जो दोनों देशों के बीच समय-परीक्षित और 'विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एसआईसीएसएसएल की निदेशक डॉ. अपर्णा वर्मा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में सुरक्षा, आपातकालीन प्रतिक्रिया और मानवीय सहायता के क्षेत्रों में, विशेष रूप से उभरती वैश्विक चुनौतियों के बीच, भारत-रूस सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन भारत की रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने और राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान देने वाले शैक्षणिक और नीतिगत संवादों को बढ़ावा देने के लिए आरआरयू की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आरआरयू के प्रो-वाइस-चांसलर, प्रो. डॉ. कल्पेश एच. वांद्रा ने मुख्य भाषण देते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत-रूस संबंध लगातार नई वास्तविकताओं के अनुकूल ढलते रहे हैं और साथ ही अपनी रणनीतिक गहराई, विशेष रूप से रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बनाए रखा है। उन्होंने 17-18 अक्टूबर, 2024 को रूस के कज़ान में आयोजित नवीनतम ब्रिक्स विश्वविद्यालय रेक्टर फोरम में आरआरयू की भागीदारी का उल्लेख किया और कहा कि आपातकालीन तैयारियों और मानवीय सहायता भारतीय और रूसी हितधारकों के बीच संयुक्त क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और संस्थागत सहयोग के नए रास्ते खोलती है।

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