नैनीताल , नवंबर 07 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान काठगोदाम क्षेत्र से उजाड़े गये दर्जनों लोगों के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचए) को पक्षकार बनाने के निर्देश दे दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में काठगोदाम निवासी आफताब आलम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान हल्द्वानी के काठगोदाम क्षेत्र में मलिन बस्ती से आनन-फानन में कई घरों को हटा दिया गया था। हटाने से पूर्व उन्हेें नोटिस भी जारी नहीं किया गया।
इससे पहले खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से जवाब देने को कहा था। आज सरकार की ओर से कहा गया कि यह यह क्षेत्र पीडब्ल्यूडी के बजाय एनएचए के अधिकार क्षेत्र में आता है।
याचिकाकर्ता की ओर से आज एक प्रार्थना पत्र दायर कर अदालत से एनएचए को पक्षकार बनाने की मांग की गयी। अदालत ने याचिकाकर्ता की मांग को स्वीकार कर लिया।
अब इस मामले में एनएचए जवाबी हलफनामा दायर कर खंडपीठ के पक्ष अदालत के समक्ष रखना है। याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गयी है कि ये सभी गरीब लोग हैं और उन्हें पुनर्वासित किया जाये।
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