नयी दिल्ली , दिसंबर 24 -- केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यहां बुधवार को कहा कि डिजिटल तकनीक के उपयोग से उपभोक्ता न्याय प्रणाली को अधिक तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2025 तक पूरे सालभर में 1.4 लाख से अधिक उपभोक्ता मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें से 90 हजार से ज्यादा सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। इससे देश के दूर-दराज़ इलाकों के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
श्री जोशी ने यह बात यहां भारत मंडपम में उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम 'डिजिटल न्याय के माध्यम से त्वरित और प्रभावी निपटान' उपभोक्ता संरक्षण व्यवस्था में तकनीक आधारित सुधारों और डिजिटल बदलावों को दर्शाती है। इस अवसर पर श्री जोशी ने कई महत्वपूर्ण डिजिटल, नियामक और जन-जागरूकता पहलों का भी शुभारंभ किया।
श्री जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) अब एक प्रभावी मुकदमा से पहले समाधान तंत्र के रूप में उभरी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 30 विभिन्न क्षेत्रों में 63,800 से अधिक शिकायतों का समाधान किया गया, जिसके तहत उपभोक्ताओं को 42.6 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाई गयी। उन्होंने यह भी बताया कि उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापनों और डिजिटल बाजार में अपनाई जा रही अनुचित व्यापारिक प्रथाओं और 'डार्क पैटर्न' के खिलाफ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सख्त कदम उठाए हैं। इस दौरान 450 से अधिक सामूहिक कार्रवाई नोटिस जारी किए गए और 2.13 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया।
इस अवसर पर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि आज का उपभोक्ता देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने उपभोक्ताओं को अधिक जागरूक, सशक्त और अधिकार-संपन्न बनाया है। उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों से लेकर स्थानीय बाजारों तक डिजिटल भुगतान का बढ़ता उपयोग भारत की तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि 'जागो ग्राहक जागो' अभियान के जरिये अब नागरिकों को अपने अधिकारों और शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की बेहतर जानकारी है।
इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय परीक्षण गृह (एनटीएच) और डीआरडीओ के रक्षा सामग्री एवं भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) के बीच परीक्षण और गुणवत्ता आश्वासन को मजबूत करने के लिए सहयोग समझौता हुआ। वहीं, एनटीएच और इंडिया पोस्ट के बीच सेवा विस्तार और लॉजिस्टिक सहयोग के लिए भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, केंद्रीय भंडार और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीसएफ) के बीच उपभोक्ताओं तक सहकारी खुदरा सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए समझौता हुआ।
डिजिटल पहलों के तहत आईआईटी कानपुर के सहयोग से एआई-सक्षम राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन डैशबोर्ड, रिपेरेबिलिटी इंडेक्स लोगो, माय जीओवी प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रीय उपभोक्ता क्विज़, और गुवाहाटी स्थित राष्ट्रीय परीक्षण गृह में डिजिटल प्रयोगशाला प्रणाली का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही कानूनी माप विज्ञान नियमों के अंतर्गत कई सुधारों की घोषणा की गई, जिससे निजी संस्थाओं को भी परीक्षण और सत्यापन की अनुमति मिली है।
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