रायबरेली , दिसंबर 19 -- उत्तर प्रदेश में रायबरेली के मुंशीगंज स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पहली बार रोबोट की सहायता से घुटने का प्रत्यारोपण (टोटल नी रिप्लेसमेंट-टीकेआर) सफलतापूर्वक किया गया। यह सर्जरी संस्थान के हड्डी रोग विभाग द्वारा की गई, जिसमें दो मरीजों को रोबोटिक तकनीक का लाभ मिला। एम्स रायबरेली के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले दिन की सर्जरी हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में की गई, जबकि टीम में डॉ. मिथिलेश रंजन और डॉ. रजत यादव शामिल रहे। दूसरे दिन की सर्जरी डॉ. पुलकेश सिंह द्वारा की गई, जिनके साथ डॉ. संजय सिंह रावत ने सहयोग किया। सर्जरी के दौरान और बाद की देखभाल में एनस्थीसिया विभाग की टीम-डॉ. अलीम, डॉ. कालीचरण, डॉ. अभय यादव, डॉ. विजय अदाबला और डॉ. विनय पाठक का योगदान रहा। नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मियों ने भी प्रक्रिया में सहयोग किया। हड्डी रोग विभाग के अनुसार रोबोटिक सहायता से किए जाने वाले घुटना प्रत्यारोपण में सर्जरी की योजना मरीज की हड्डियों की बनावट के अनुरूप पहले से तैयार की जाती है। इससे इंप्लांट की स्थिति और संतुलन को अधिक सटीकता से किया जा सकता है। विभाग का कहना है कि इस तकनीक में अंतिम नियंत्रण सर्जन के पास ही रहता है, जबकि रोबोट सहायक उपकरण के रूप में कार्य करता है।

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