जयपुर , नवम्बर 19 -- राजस्थान में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इथेनॉल उत्पादकों की भांति मक्का उत्पादक किसानों को भी उनकी उपज की न्यूनतम मूल्य की गारंटी देने का आग्रह किया है।

श्री जाट ने बुधवार को बताया कि पत्र में उन्होंने बताया है कि इथेनॉल तैयार करने वालों के लिए सरकार ने एक लीटर इथेनॉल की 71 रुपये 86 पैसे प्राप्त होने की गारंटी दी है। देश में इथेनॉल के उपयोग में आने वाली मक्का किसानों को 900 से लेकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल बेचनी पड़ रही है, जबकि सरकार द्वारा घोषित 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' 2400 रुपये प्रति क्विंटल है। 'कृषि लागत एवं मूल्य आयोग' के आकलन के अनुसार इसी मक्का का एक क्विंटल का उत्पादन खर्च 1652 रुपये है।

श्री जाट ने बताया कि केन्द्र सरकार की घोषणा के अनुसार लागत से कम से कम डेढ़ गुना जोड़ने पर 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' का निर्धारण करने पर एक क्विंटल का मूल्य 2828 रुपये होना चाहिए। 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' संपूर्ण लागत की गणना से 428 रुपये प्रति क्विंटल कम है। किसानों को निर्धारित मूल्य से भी करीब आधे दामों पर किसानों को अपनी मक्का की उपज बेचनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि इथेनॉल उत्पादकों की तरह मक्का उत्पादकों को न्यूनतम मूल्य की गारंटी नहीं देकर सरकार मूल उत्पादक एवं रूप परिवर्तन करने वाले उद्योगों के मध्य समानता के विपरीत भेदभाव पूर्ण नीति अपना रही है। जाट ने किसानों की ओर से इस पत्र में अनुरोध किया है कि सरकार को मक्का को 'आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955' के तहत आवश्यक वस्तु घोषित करके 'मक्का नियंत्रण आदेश' प्रसारित करना चाहिए। इससे मक्का उत्पादक किसानोंको भी उनकी उपज के न्यूनतम मूल्य प्राप्त होने की सुनिश्चितता हो सकेगी।

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