रामनगर,07दिसंबर (वार्ता) उत्तराखंड में रामनगर के ग्राम पूछड़ी क्षेत्र में वन विभाग की भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद रविवार को हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने गूलरघटटी के समीप मंगल बाजार चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार, पुलिस और वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस ने लोगों के साथ मारपीट की और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। उनका कहना है कि सरकार को कार्रवाई से पहले वहां बसे परिवारों के पुनर्वास की योजना बनानी चाहिए थी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटने के बाद कई परिवार बेघर हो गए हैं और कड़ाके की ठंड में उनके सामने रहने, खाने और पीने तक की समस्या खड़ी हो गई है। इतना ही नहीं, कई जगहों पर बिजली भी काट दी गई है।

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि वे पीड़ित परिवारों से मिलने और उनकी मदद करने के लिए मौके पर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया। इससे आक्रोश और बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने इसे जनता और मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले में वे अब न्यायालय की शरण भी लेंगे।

प्रदर्शन के दौरान मौके पर सीओ सुमित पांडे और कोतवाल सुशील कुमार भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पुरुषों और महिलाओं सहित 13 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया। पुलिस की बस में बैठते ही सभी गिरफ्तार लोगों ने सरकार और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों में प्रभात ध्यानी, मुनीष कुमार, कैशर राणा, गिरीश आर्य, भुवन, आसिफ, ललित उप्रेती, महेश जोशी, सुनील पर्नवाल, तुलसी छिम्बाल, सरस्वती जोशी, गीता और दीपक तिवारी शामिल हैं। सभी को पुलिस हल्द्वानी की ओर ले गई।

प्रदर्शन कारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि सरकार गरीबों को उजाड़ रही है, बिना पुनर्वास के लोगों को बेघर किया जा रहा है। हम आवाज उठाएंगे, चाहे हमें कितनी ही गिरफ्तारियां क्यों न देनी पड़ें।

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