हरिद्वार , नवंबर 04 -- त्तराखंड राज्य स्थापना रजत जयंती सप्ताह के अवसर पर ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज सभागार में मंगलवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। कौशिक आर्ट्स एंड क्रिएशन के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य व लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ, जिसके बाद मेरे घर राम आए हैं, राम सिया राम, कृष्ण जुगलबंदी, चोर मेरे परदेसिया, गढ़वाली गायों और घूमर नृत्य जैसी प्रस्तुतियों ने सभागार में उत्सव का रंग घोल दिया।

संस्था की प्रबंधक रश्मि गौड़ ने बताया कि कौशिक आर्ट्स एंड क्रिएशन की स्थापना 1988 में नीता कौशिक द्वारा की गई थी। संस्था का उद्देश्य नई पीढ़ी को पारंपरिक लोककलाओं और नृत्य विधाओं से जोड़ना है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. नरेश चौधरी ने किया। इस अवसर पर कॉलेज परिसर में विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा वोकल फॉर लोकल थीम पर स्टॉल लगाए गए। इनमें अचार, पापड़, शहद, शॉल, ऊनी कपड़े और अन्य स्वदेशी उत्पाद प्रमुख आकर्षण रहे।

दीन दयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लगी स्टॉलों से आज लगभग 11,000 रूपये की बिक्री हुई। मिशन प्रबंधक साक्षी नौटियाल ने बताया कि इन स्टॉलों का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना और ग्रामीण परिवारों की आजीविका सशक्त बनाना है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र के मार्गदर्शन में स्थानीय कलाकारों, हस्तशिल्पियों व स्वयं सहायता समूहों को मंच प्रदान किया जा रहा है।

स्टॉलों की प्रभारी नालिनी खिड़ियाल ने बताया कि ये स्टॉल 9 नवम्बर तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे स्थानीय उत्पादों की खरीद कर स्वदेशी से आत्मनिर्भरता के अभियान को बल दें।

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