जयपुर , नवम्बर 04 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।

इसी कड़ी में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर राज्य में पांच से सात नवम्बर तक चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण किया जाएगा। सघन निरीक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर चिकित्सा संस्थान में इण्डियन पब्लिक हैल्थ स्टेण्डर्ड पूरे हों, जिन संस्थानों में यह स्टेण्डर्ड पूरे नहीं होंगे, वहां मिशन मोड में इन स्टेण्डर्ड को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंस में इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि पांच से सात नवम्बर तक सभी संयुक्त निदेशक जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण करके रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर मानक पूरे नहीं करने वाले चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे।

श्रीमती राठौड़ ने विभिन्न स्वास्थ्य मानकों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जिले हर हाल में टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करें। उन्होंने निर्धारित लक्ष्य से पीछे रहने वाले सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को 17 सीसीए के नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित एम्बुलेंस सेवाओं का भी सघन निरीक्षण किया जाए, जहां भी एम्बुलेंस संचालन में कमियां पाई जा रही हैं, वहां नियमानुसार जुर्माना लगाने के साथ ही आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में एम्बुलेंस सेवाओं का नियमित रूप से निरीक्षण करें। यह सुनिश्चित हो कि एम्बुलेंस संचालन योग्य हों, उनमें सभी जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध हों और क्रियाशील स्थिति में हों। उन्होंने बताया कि अप्रैल से अगस्त तक एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन में कमियां पाई जाने पर दो करोड़ रूपए से ज्यादा का जुर्माना किया गया है।

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