रांची , नवम्बर 16 -- झारखंड स्थापना दिवस के रजत पर्व पर कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की कहा किराज्य की धुन, नृत्य और संस्कृति का अभूतपूर्व जतरा राजधानी रांची की सड़कों पर देखने लायक रहा।
सुश्री तिर्की ने कहा कि ढोल, नगाड़ा, मांदर की थाप पर नाचते झूमते 5 हजार से ज्यादा कलाकारों की टोली ने सबका मन मोह लिया। ये दृश्य झारखंड की समृद्ध संस्कृति के महाकुंभ की तरह रहाजब कानों तक झारखंड की धुन और संगीत की मधुर आवाज सुनाई दे , तो थिरकते हुए पांव को रोक पाना नामुमकिन हो जाता है।
सुश्री तिर्की ने झारखंड के कण कण में पुरखों का संघर्ष और बलिदान समाहित है। हम उन तमाम वीर सपूतों और पुरखों का ऋणी है जिनकी बदौलत अलग राज्य गठन का सपना साकार हुआ। हम सब हर साल इसी उत्साह और उमंग के साथ अपने सोना झारखंड का स्थापना दिवस मनाते रहेंगे। इस ऐतिहासिक पल का गांडेय से विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन जी के साथ गवाह बनना सुखद अनुभूति के साथ यादगार रहा।
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