हरिद्वार , दिसंबर 01 -- उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग पर सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। मोतीचूर और रायवाला स्टेशन के बीच हावड़ा एक्सप्रेस की चपेट में आने से लगभग छह से आठ वर्ष के एक हाथी के करभ की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसा उस समय हुआ जब हाथियों का एक झुंड जंगल से निकलकर रेलवे लाइन पार कर रहा था। ट्रेन की रफ्तार अधिक होने से लोको पायलट इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद ट्रेन नहीं रोक पाया। हाथी के करभ की इंजन की चपेट में आने से मौत हो गयी।
घटना के बाद करभ का शव ट्रैक पर फंसा रहा जिससे हरिद्वार-देहरादून रेल खंड पर करीब तीन घंटे तक रेल परिचालन बाधित रहा। सूचना पर वन विभाग, राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम और जीआरपी मौके पर पहुँचे। वनकर्मियों ने शव को हटाकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कराई।
स्थानीय लोगों और वन्यजीव प्रेमियों ने इस दुर्घटना पर गहरा आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि यह क्षेत्र हाथियों की नियमित आवाजाही वाला है, फिर भी ट्रेनों की गति पर नियंत्रण नहीं किया जाता। लोगों ने रेलवे और वन विभाग के बीच समन्वय की कमी को भी इस तरह की घटनाओं का मुख्य कारण बताया।
राजाजी टाइगर रिजर्व का यह हिस्सा लंबे समय से 'मौत का गलियारा' बना हुआ है। पिछले कई वर्षों में इस लाइन पर 30 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है। वन विभाग ने हादसे में लापरवाही की आशंका को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।
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