पटना , दिसंबर 06 -- बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिलों में राजस्व कार्यों की पारदर्शिता और कार्यों के सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ा रुख अपनाया है।
विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलों के समाहर्ता को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों द्वारा निर्धारित कार्यालय स्थल अंचल कार्यालय, पंचायत सरकार भवन, राजस्व कचहरी या सामुदायिक भवन से ही कार्य संचालित किया जाए।
सचिव श्री सिंह ने पत्र जारी कर कहा है कि विभाग को मिली शिकायतों में यह पाया गया है कि कुछ हल्का कर्मचारी निर्धारित स्थानों से इतर निजी स्थानों पर छद्म कार्यालय चलाकर राजस्व कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में अंचल अधिकारियों के लैपटॉप और डोंगल का दुरुपयोग निजी दलालों द्वारा किए जाने तथा आवेदकों से अवैध वसूली की जानकारी भी प्राप्त हुई है। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट कहा है कि यह आचरण सरकारी सेवक के लिए पूर्णतः अस्वीकार्य है।उन्होंने सभी समाहर्ता को अपने स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने तथा डीसीएलआर, एसडीओ और एडीएम को नियमित औचक निरीक्षण का निर्देश दें।साथ ही सभी राजस्व कर्मचारियों की निर्धारित कार्यालय की सूची अंचल कार्यालयों एवं संबंधित पंचायत सरकार भवन में नाम नंबर के साथ प्रदर्शित किया जाय और सुनिश्चित किया जाए कि सभी कर्मचारी वहीं से कार्य करें। एक से अधिक हल्का प्रभार वाले कर्मचारियों के लिए रोस्टर तैयार किया जाए जिससे वे प्रत्येक निर्धारित स्थल पर कार्यरत रहें।
सचिव ने सभी अंचलाधिकारी से लिखित रिपोर्ट मांगी है कि किसी भी हल्के (पंचायत)में समानांतर कार्यालय संचालित नहीं हो रहा है।पत्र में यह भी कहा गया है कि राजस्व अभिलेख केवल अंचल अभिलेखागार में ही रखे जाएं, किसी भी परिस्थिति में अभिलेख किसी कर्मचारी के पास या हल्का कार्यालय में भौतिक रूप से पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
सचिव ने कहा है कि दलालों के हस्तक्षेप पर पूर्ण रोक लगाई जाए तथा एक सप्ताह के भीतर सभी अंचल और हल्का कार्यालयों का निरीक्षण कराया जाए।
सचिव ने निर्देश दिया है कि निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कर विभाग को रिपोर्ट भेजी जाए।
उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजस्व प्रशासन की पारदर्शिता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवनों को सरकार ने गांव के प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित किया है। इसलिए राजस्व कार्यों को निर्धारित स्थल से ही संचालित किया जाना अनिवार्य है। किसी भी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा कार्यालय व्यवस्था से खिलवाड़, निजी व्यक्तियों का हस्तक्षेप या अवैध वसूली किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले के पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जनता को सुविधाएं नियुक्त स्थल पर ही समय पर और बिना किसी परेशानी के मिलें। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित