जयपुर , नवम्बर 30 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'कैच द रेन' अभियान से प्रेरित 'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान के तहत राजस्थान में 14 हजार 500 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण कराया गया हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संचालित इस अभियान में प्रदेश में इन जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण से वर्षा जल को सहेजने की परम्परा को प्रोत्साहन देने के साथ ही, राजस्थान को जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को गति मिल रही है।
इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य कर्मभूमि में निवास कर रहे प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि में जल संरक्षण के कार्यों में समर्पित रूप से प्रोत्साहित करना है। इसके तहत प्रवासी राजस्थानियों, भामाशाहों, आम लोगों की मदद और कॉरपोरेट सोशल रिस्पोन्सिबिलिटी (सीएसआर) के सहयोग से चार वर्षाे में लगभग 45 हजार रिचार्ज, जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस वर्ष जनवरी में प्रदेश के 41 जिलों की 11 हजार 195 ग्राम पंचायतों में प्रारम्भ हुए इस अभियान ने अल्प समय में ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रदेशभर में ग्राम विकास अधिकारियों ने ई-पंचायत मोबाईल एप के माध्यम से 42 हजार 81 रिचार्ज स्थलों का चयन किया, जिनमें से अब तक 14 हजार 500 से अधिक भूजल रिचार्ज-जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण भी हो चुका हैं।
उल्लेखनीय है कि भू-जल स्तर को रोकने के साथ-साथ आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से 'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान शुरू किया गया हैै। इसके प्रमुख उद्देश्यों में जल स्रोतों की स्थिरता और पुर्ननिर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना, वर्षा जल संचय को प्रोत्साहित करने के साथ ही अकार्यशील हैंडपंप, सूखे कुएं और नलकूप के माध्यम से भूजल पुर्नभरण को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां शामिल हैं।
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