जयपुर , दिसंबर 01 -- राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर की मौजूदगी में राज्य सरकार ने जल संरक्षण कार्यों के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) साझेदारों के साथ 113 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं।
जयपुर के दुर्गापुरा में आयोजित जल सुरक्षित राजस्थान के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी का निर्माण विषयक राज्य स्तरीय सम्मेलन में सोमवार को यह एमओयू किया गया। इस अवसर पर श्री दिलावर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों से सहयोग की अपील करते की और कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है - यह जल सुरक्षित रखने के लिए जन आंदोलन है। सरकार का लक्ष्य स्पष्ट और महत्वाकांक्षी है, वर्ष 2028 तक 20 हजार गांवों में पांच लाख जल संचार रचनाएं और 11200 करोड रुपये के निवेश के साथ भूजल को रिचार्ज कर कुओं को पुनर्जीवित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि उद्देश्य उस मिट्टी को समृद्ध करना है जो अन्नदाता को सशक्त बनाती है। जल ग्रहण क्षेत्र के स्वास्थ्य को बहाल करना और ग्रामीण समुदाय को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना वास्तविक उदेश्य है। उन्होंने कार्यक्रम में प्रतिष्ठित कॉरपोरेट जगत से आए प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिभागियों एवं शैक्षणिक संस्थानों से आए प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में अभिसरण हमारा सशक्त हथियार है, यदि सरकार उद्योग जगत, गैर - सरकारी संगठन, भामाशाह, आमजन द्वारा अलग-अलग किया जा रहे प्रयासों को सम्मिलित रूप से किया जाये, तो परिणाम में कई गुना बढ़ोतरी हो सकती है।
इस अवसर पर जल संरक्षण कार्यों के लिए सीएसआर साझेदारों पिरामल फाउंडेशन, पीएचडी चैंबर्स, अर्पण सेवा, एचपीसीएल और आईटीसी के साथ 113 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण एमओयू हस्ताक्षर किया गया। ये कार्य आगामी तीन वर्षों में कियान्वित किये जायेंगे।
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