जयपुर , नवंबर 30 -- राजस्थान में पुलिस ने साइबर अपराधियों द्वारा आमजन के साथ हो रही धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए एक चेतावनी जारी की है जिसमें साइबर ठगी के प्रति लोगों को सचेत किया गया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर क्राइम) विजय कुमार सिंह ने बताया कि ठग अब हूबहू असली जैसी दिखने वाली नकली (क्लोन) वेबसाइटों का उपयोग कर रहे हैं। इन नकली लिंक्स को सोशल मीडिया, एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजकर लोगों को असुरक्षित वेबपेज पर ले जाया जाता है, जहां उनकी निजी जानकारी और बैंक विवरण चोरी कर लिए जाते हैं, जिससे बैंक खातों या यूपीआई लिंक से धनराशि निकाल ली जाती है।

श्री सिंह ने आमजन को संभावित साइबर अपराध से सचेत रहने के लिए चार प्रमुख सुरक्षा सुझाव दिए हैं जिनमें किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले डोमेन नेम की स्पेलिंग को बहुत ध्यान से देखें। साइबर अपराधी अक्सर एक या दो अक्षरों का हेरफेर कर असली जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते हैं। सुरक्षित वेबसाइटों की पहचान उनके यूआरएल की शुरुआत में दिखने वाले एचटीटीपीएस और एड्रेस बार में मौजूद ताले (लॉक) के आइकन से होती है। यदि ये सुरक्षा संकेत मौजूद नहीं हैं, तो उस पर अपना कोई भी वित्तीय या निजी विवरण दर्ज न करें। अपनी निजी जानकारी जैसे ओटीपी, आधार, पैन या बैंक विवरण किसी भी व्यक्ति या अज्ञात वेबसाइट से साझा न करें आदि शामिल हैं।

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