जयपुर , नवम्बर 27 -- राजस्थान में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2026 का कार्य तेजी और पारदर्शिता के साथ प्रगति पर है और प्रदेश डिजिटलाइजेशन के बाद अब मतदाता मैपिंग में भी देशभर में अव्वल हो गया है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि गत चार नवम्बर से प्रारंभ हुए इस अभियान के तहत बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का संग्रहण, सत्यापन और डिजिटलीकरण का कार्य निरंतर जारी है। चुनाव आयोग द्वारा पोर्टल पर पिछले एसआईआर की मतदाता सूची में अपने नाम से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए नयी सर्च सुविधा सर्च बाई इलेक्टर डिटेल उपलब्ध कराये जाने के बाद प्रदेश में मतदाताओं की मैपिंग में उल्लेखनीय तेजी आयी है।

उन्होंने बताया कि पिछले नौ दिनों में मैपिंग 70 से बढ़कर 78 प्रतिशत हो चुकी है। इस प्रकार प्रदेश के 78 प्रतिशत मतदाताओं को अब किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि मैपिंग को बढ़ाकर 85 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है।

श्री महाजन ने बताया कि प्रदेश में पांच करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 गणना प्रपत्रों में से चार करोड़ 80 लाख से अधिक प्रपत्र ईसीआई-नेट पर अपलोड किये जा चुके हैं, जो निर्धारित अवधि से सात दिन पूर्व ही 88 प्रतिशत उपलब्धि है। यह सफलता तकनीकी दक्षता, टीमवर्क और जिला स्तर पर सतत मॉनिटरिंग का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौ हजार से अधिक पोलिंग बूथों पर बीएलओ द्वारा सौ प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। समय पर कार्य पूर्ण करने वाले लगभग ढाई हजार बीएलओ को सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही एसआईआर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 26 निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारियों (ईआरओ) को गुरुवार को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। बाड़मेर न केवल डिजिटाइजेशन में अव्वल है, अपितु सम्मानित होने वाले निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों में भी यहां के सभी चार ईआरओ का नाम शामिल है।

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