नैनीताल , नवंबर 06 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में राज मार्गों और सड़कों के किनारे वन और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई मंगलवार को मुकर्रर की है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की युगलपीठ में गुरुवार को सुनवाई हुई। आज सरकार की ओर से कहा गया कि सभी 16 जिलाधिकारियों की ओर से जवाबी हलफनामा दायर किया गया है। अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर लिया गया है। सभी को नोटिस जारी किया गया है। आगे कार्रवाई जारी है। मामले को सुनने के बाद युगलपीठ ने सुनवाई के लिए आगामी मंगलवार की तिथि तय कर दी।
इस मामले का उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की है। दरअसल नैनीताल जनपद के पदमपुरी और खुटानी में सड़क किनारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर प्रभात गांधी की ओर से उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखा गया था।
उच्च न्यायालय ने इस पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दायर कर ली। पत्र में कहा गया है कि पदमपुरी-खुटानी राज मार्ग के किनारे सरकारी और वन भूमि पर अतिक्रमण कर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाये गये हैं। यहां तक कि एक मंदिर का निर्माण भी किया या गया है।
इसके बाद अदालत ने इस मामले का वृहद संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी राज मार्गों और सड़कों से सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दे दिये थे। अदालत ने सभी जिलाधिकारी और प्रभागीय वन अधिकारी को अनुपालन रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए। अब इस मामले में आगामी मंगलवार को सुनवाई होगी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित