पटना, अक्टूबर 09 -- जनसुराज पार्टी की तरफ से समस्तीपुर की मोरवा सीट पर टिकट मिलने के बाद जननायक कर्पूरी ठाकुर की पौत्री डॉ जागृति ठाकुर ने कहा कि राजनीति में उनका उद्देश्य अपने दादा जी के सपनों को साकार करना है।

डॉ जागृति ने यूनीवार्ता से कहा कि उन्हें अपने दादा जी की धुंधली याद भी नही है, लेकिन अपने गांव, आसपास के लोग और समाज से उनकी सादगी और त्याग के इतने किस्से सुन चुकी हूं कि कई बार उनके जैसा बनने को और उनके सपनों को पूरा करने को जी चाहता है।

सुश्री ठाकुर ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की विरासत पर दावा करने वालों की कोई कमी नही है, लेकिन सही मायने में सारे अनुयायी उनकी विचारधारा से दूर हो गए। उन्होंने कहा कि जननायक गरीबो का उत्थान चाहते थे, उनका कल्याण चाहते थे लेकिन सत्ता की भूख ने राजनेताओं को उनकी विचारधारा से दूर कर दिया।

डॉ जागृति ने कहा कि जननायक श्री ठाकुर की मृत्यु के बाद उनके पिता वीरेंद्र नाथ ठाकुर के सामने राजनीति में आने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने समाज सेवा के लिए अपने भाई और वर्तमान में नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री रामनाथ ठाकुर को आगे किया।

सुश्री ठाकुर ने कहा कि जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बड़ी सोच के एक सच्चे इंसान हैं और जिस तरह उन्होंने बिहार के गांवों में जा कर करीब तीन साल तक सडकों की धूल फंकी हैं, मुझे उनके अंदर अपने दादा जी की झलक दिखती है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में जिस तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त है उसके लिए एक नया विकल्प जरूरी है। उन्होंने कहा कि श्री किशोर में उन्हें उस स्तर की ऊर्जा और ईमानदारी दिखती है जिससे बिहार और बिहारवासियों की जिंदगी में बदलाव आएगा।

डॉ जागृति ने कहा कि केंद्र सरकार ने जब उनके दादा जी जननायक श्री ठाकुर को भारत रत्न दिया तो उन्हें बहुत खुशी मिली लेकिन जब भी उनके पैतृक गांव जाती हूँ तो खराब सड़कें, उजड़े हुए अस्पताल देख कर ऐसा महसूस होता है कि राजनेताओं ने कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि नही दी।

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