राजनांदगांव , नवंबर 12 -- उत्तर भारत में बढ़ रही ठंड और शुष्क हवाओं के कारण राजनांदगांव और आसपास के क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है। जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार सुबह राजनांदगांव में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास या उससे नीचे तक रिकॉर्ड किया गया है, जो सामान्य से तीन से चार डिग्री कम है। वहीं ठंडी हवाओं के कारण दिन में भी सिहरन भरी सर्दी महसूस हो रही है। शहर में गर्म कपड़ों की दुकानों पर लोगों की खरीदारी भी बढ़ गई है। नवंबर के शुरुवाती हफ्ते से ही कड़ाके की ठंड पड़ने का असर आम जनजीवन पर भी दिखाई दे रहा है।

विभाग ने आगामी 48 घंटों में तापमान में और गिरावट की आशंका जतायी है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है। शहर के चौक-चौराहों और बस्तियों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।

नगर निगम आयुक्त और महापौर ने कहा की निगम की ओर से भी अलाव की व्यवस्था की जायेगी। तापमान में अचानक भारी गिरावट से पाला पड़ने से किसानों को अपनी फसलों को बचाने की चिंता सता रही है।

कड़ाके की ठंड को देखते हुए राजनांदगांव नगर निगम ने बेघर और गरीब लोगों को राहत देने के लिए शहर के सिविल लाइन स्थित रैन बसेरा (आश्रय स्थल) में पर्याप्त व्यवस्था की है। जरूरतमंद लोग यहां निशुल्क ठहर सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने, गर्म पेय पदार्थ लेने और विशेष रूप से बच्चों तथा बुजुर्गों का ध्यान रखने की सलाह दी है।

वहीं प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बेसहारा लोगों की मदद करें और आवश्यक होने पर उन्हें रैन बसेरा पहुंचने में सहायता करें।

मौसम विभाग के अनुसार राजनांदगांव में इस माह का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.0 डिग्री सेल्सियस 29 नवंबर 1984 को दर्ज किया गया था। वहीं 2024 में नवंबर माह का न्यूनतम तापमान 12.0 डिग्री सेल्सियस 28 नवंबर को दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के मुताबिक ठंड बढ़ने का मुख्य कारण उत्तर से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ का असर होता है जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आती है।

मौसम विभाग ने कहा कि आने वाले दिनों में सुबह और रात में अच्छी खासी ठंड रहने की उम्मीद है और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से 14 डिग्री के बीच रह सकता है वहीं उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में शीतलहर चलने की संभावना जताई जा रही हैं जिसमें राजनांदगांव भी शामिल है।

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