राजनांदगांव, सितंबर 27 -- छत्तीसगढ़ की 'संस्कारधानी' के नाम से मशहूर राजनांदगांव में इस वर्ष भी गरबा उत्सव की धूम मची हुई है। लगातार बारिश के बावजूद भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित हो रहे भव्य गरबा कार्यक्रमों में लोग पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं। पारंपरिक गरबा गीतों पर थिरकते कदम और डांडिया की खनक से पूरा शहर भक्ति और उल्लास के रंग में रंगा हुआ है।
नवरात्र के पावन पर्व पर राजनांदगांव के कई बड़े आयोजन स्थल जैसे शिवनाथ वाटिका, लायंस क्लब मैदान और विभिन्न कॉलोनियों में दिखलाई पड़ रहा है।इन जगहों पर आयोजकों द्वारा भव्य एवं आकर्षक पंडाल सजाए गए हैं। माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं के समक्ष प्रतिदिन आरती और पूजा-अर्चना की जा रही है। इसके बाद देर रात तक गरबा और डांडिया रास का आयोजन हो रहा हैं। जिसमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ शहर के युवा और परिवार बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
गरबा उत्सव में शामिल होने वाले प्रतिभागी अपनी रंग-बिरंगी और पारंपरिक वेशभूषा में खूब जंच रहे हैं। पुरुष जहाँ पारंपरिक केडिया और चूड़ीदार में नज़र आ रहे हैं, वहीं महिलाएँ आकर्षक चनिया-चोली और पारंपरिक आभूषणों से सजी दिख रही हैं। हर रात, बेहतरीन डांस मूव्स और समूह समन्वय के लिए गरबा किंग और गरबा क्वीन जैसे ख़िताब भी दिए जा रहे हैं, जो प्रतिभागियों के जोश को और भी बढ़ा रहे हैं।
इस अवसर पर आयोजकों ने भक्तों और प्रतिभागियों की सुविधा के लिए ख़ास इंतज़ाम किए हैं। भीड़ को व्यवस्थित रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। साथ ही, उत्सव के दौरान स्वल्पाहार और पेय पदार्थों के स्टॉल भी लगाए गए हैं।
राजनांदगांव का गरबा उत्सव केवल एक नृत्य का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह यहाँ की संस्कृति, सौहार्द और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। यह उत्सव एक बार फिर साबित करता है कि शहर में त्योहारों को कितने जोश और आत्मीयता के साथ मनाया जाता है।
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