चेन्नई, सितंबर 30 -- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)की आठ सदस्यीय टीम ने करुर भगदड़ की स्वतंत्र जांच उच्चतम न्यायालय के मौजूदा जज से कराने की मांग की है।

सांसद हेमामालिनी की अध्यक्षता वाली टीम ने अपनी जांच में पाया है कि थलपति विजय की रैली को पुलिस ने एक संकरी जगह आवंटित की थी जहां भगदड़ में 41 निर्दोषों की जान चली गयी थी।

राजग टीम ने यह भी कहा कि रैली के दौरान बिजली आपूर्ति काटे जाने में कुछ संदिग्ध बातें हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की रिपोर्टे थीं कि जूते-चप्पल भी फेंके गए। "पुलिस क्या कर रही थी? तमिलनाडु सरकार को जवाब देना होगा।"टीम ने वेलुसामीपुरम में भगदड़ स्थल का निरीक्षण करने, अस्पताल में घायलों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भगदड़ स्थल को देखना भावुक करने वाला था, जहां चप्पल और जूते बिखरे पड़े थे।

टीम के सदस्य अनुराग ठाकुर ने कहा कि विजय की लोकप्रियता और भारी भीड़ की उम्मीद को देखते हुए पुलिस को रैली के लिए एक बड़ा स्थान आवंटित करना चाहिए था। इसके बजाय, उन्होंने एक संकरी जगह दी, जहां मुश्किल से 200 से 300 लोग समा सकते थे, लेकिन लगभग 30,000 लोग पहुंच गये थे।

श्री ठाकुर ने भगदड़ की घटना को बहुत दुखद बताते हुए कहा कि अगर घायलों को सरकारी अस्पताल के बजाय पास के निजी अस्पतालों में ले जाया जाता तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थी। लेकिन उन्हें करूर सरकारी अस्पताल ले जाया गया।

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