नयी दिल्ली , नवंबर 28 -- केंद्र का राजकोषीय घाटा चालू वित्त के पहले सात महीने में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बढ़कर 52.59 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि अक्टूबर तक केंद्र की कुल प्राप्ति 18,00,475 करोड़ रुपये रही जबकि उसका कुल व्यय 26,25,619 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस प्रकार राजकोषीय घाटा 8,25,144 करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 52.59 प्रतिशत है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था।

सितंबर तक राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 36.53 प्रतिशत पर था।

मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, कुल आय में कर से प्राप्त शुद्ध आय 12,74,301 करोड़ रुपये और गैर-कर राजस्व 4,89,079 करोड़ रुपये रहा। गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां 37,095 करोड़ रुपये दर्ज की गयी। केंद्र सरकार ने करों के हिस्से के रूप में राज्य सरकारों को 8,34,957 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 1,11,981 करोड़ रुपये अधिक है।

केंद्र के कुल व्यय में 20,07,876 करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 6,17,743 करोड़ रुपये पूंजी खाते में खर्च हुए। कुल राजस्व व्यय में 6,73,715 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए और 2,46,575 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडियों के मद में खर्च किये गये।

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