रांची, 13अक्टूबर (वार्ता) झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन पर रांची आरपीएफ ने एक महत्वपूर्ण मानव तस्करी के मामले में तीन नाबालिग लड़कों को बचा लिया और तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

आरपीएफ सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि गिरफ्तार तस्कर और नाबालिगों को एएचएटीयू रांची को आज सुपुर्द किया गया है।

आरपीएफ सूत्रों ने बताया कि एसआईबी रांची से मिली गुप्त सूचना के आधार पर आरपीएफ पोस्ट रांची, नन्हे फरिश्ते टीम और एसआईबी रांची की संयुक्त टीम ने सतर्कता दिखाते हुए लोहरदगा-रांची मेमू पैसेंजर ट्रेन संख्या 68040 के प्लेटफॉर्म नंबर 01ए पर निगरानी रखी। इसी दौरान रविवार को क्एक संदिग्ध व्यक्ति तीन नाबालिग लड़कों के साथ पाया गया, जो भयभीत थे। संदिग्ध व्यक्ति संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहा, जिस पर उसे आरपीएफ पोस्ट रांची ले जाकर पूछताछ की।

तीनों नाबालिगों दिनेश असुर, झपटू असुर और अनुप असुर (सभी गुमला जिले के निवासी) ने बताया कि उन्हें आयुष असुर नामक व्यक्ति ने काम दिलाने के नाम पर लोहरदगा से रांची लाया था। इसके बाद उन्हें जगतपाल उरांव नामक व्यक्ति को सौंपा गया, जो आगे उन्हें अगरतला लेकर जाने वाला था।

आरपीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी जगतपाल उरांव (आयु 33 वर्ष, गुमला निवासी) को गिरफ्तार किया। आरोपी ने स्वीकार किया कि उसे तीनों को रांची तक लाने के लिए Rs.5000 मिले थे और वह पहले भी इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त था।

अभियान में शामिल टीम ने आरोपी से बरामद सभी आवश्यक सामग्री को भी जब्त कर विधि के अनुसार कार्रवाई की। तीनों नाबालिग लड़कों को सुरक्षित बचाकर मेडिकल जांच और देखभाल के लिए भेजा गया।

इस अभियान में आरपीएफ पोस्ट से एसआई सूरज पांडे, एसआई अश्विनी कुमार, कांस्टेबल संजय यादव, कांस्टेबल प्रदीप कुमार और एसआईबी टीम से इंस्पेक्टर एस.एन. प्रसाद, रंजीत कुमार तथा नन्हे फरिश्ते टीम की एसआई सुनीता तिर्की, लेडी स्टाफ सुचिता व देवमणि शामिल थे।

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