रांची , अक्टूबर 22 -- झारखंड की राजधानी रांची में संगठित अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है।
एसएसपी राकेश रंजन के निर्देश पर गठित विशेष टीम की जांच में खुलासा हुआ है कि रांची में कारोबारियों को धमकाने और लेवी वसूलने के लिए कुख्यात अपराधी प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा ने एक-दूसरे से हाथ मिला लिया है। इस गठजोड़ के जरिए दोनों गिरोह मिलकर शहर के व्यवसायियों में दहशत फैलाने का काम कर रहे थे।
पुलिस ने इस मामले में कांके के रहने वाले इनामुल हक उर्फ बबलू खान, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद सेराज और पंडरा निवासी रवि आनंद को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने कई हथियार, कार और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। एसएसपी ने बताया कि ये अपराधी 'कोयलांचल शांति सेना' नाम से कारोबारियों को फोन पर धमकी देकर रंगदारी वसूलते थे।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जिन हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मोगा (पंजाब) मार्ग से भारत में लाए जाते हैं। इन अवैध हथियारों का प्रयोग न केवल रांची बल्कि देश के कई अन्य बड़े शहरों में कारोबारियों को धमकाने और रंगदारी वसूलने के लिए किया जाता है।
जांच में यह भी सामने आया कि रांची में वसूली गई राशि को सुजीत सिन्हा के गुर्गों की मदद से प्रिंस खान तक पहुंचाया जाता था, जो बाद में यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेजी जाती थी। इस धन का उपयोग वहां अवैध हथियारों की खरीद और अन्य आपराधिक गतिविधियों में किया जाता है। एसएसपी राकेश रंजन ने बताया कि यह मामला केवल स्थानीय नहीं बल्कि एक संगठित अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि डोरंडा थाना क्षेत्र के सत्यभामा अपार्टमेंट के बाहर हुई फायरिंग की घटना में जो हथियार इस्तेमाल हुए थे, वे इन्हीं गिरफ्तार अपराधियों ने मुहैया कराए थे। रांची पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों की तलाश में जुट गई है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित