रांची , नवंबर 29 -- झारखंड के रांची में धरती आबा संग्रहालय का उद्घाटन किया गया, जो इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) द्वारा व्यवस्थित किया गया है।
यह संग्रहालय विकास भारती बिशुनपुर के रांची कार्यालय परिसर 19, ग्रामायतन, आरोग्य भवन-1, बरियातु रोड, रांची में स्थापित किया गया है। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता पद्मभूषण डॉ. राम बहादुर राय, जेपी आन्दोलन के प्रणेता, प्रख्यात राष्ट्रीय विचारक, वरिष्ठ पत्रकार एवं अध्यक्ष, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में जुएल ओराम, मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार उपस्थित रहे। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में रक्षा राज्य मंत्री, संजय सेठ और विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान - जनजातीय कौशल केन्द्र, जनशिक्षण संस्थान, रांची, भारत सरकार के आन-लाइन उद्घाटन सहित पांच पुस्तकों का लोकापर्ण भी किया गया। इन पुस्तकों में धरती आबा संग्रहालय की पुस्तिका, 'मुंडारी साहित्य की प्रासंगिकता,' सुंदरबन के गीत और अवनींद्र नाथ टैगोर लीगेसी रीविटेड एवं ट्राईबल स्टडी सेन्टर विकास भारती द्वारा लिखित पुस्तक बचनपन अक्षरज्ञान मावड़ों भाषा शामिल है।
कार्यक्रम की शुरूआत संग्रहालय के उद्घाटन से हुई।
विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने विषय प्रवेश कराते हुये जनजातीय समाज के विकास के लिए संस्था द्वारा राज्य स्तर पर विगत 43 वर्षां से किये जा रहे प्रयास का संक्षेप में वर्णन किया।
इसके बाद आईजीएनसीए के क्षेत्रीय निदेशक कुमार संजय झा ने धरती आबा संग्रहालय के विषय में उपस्थित जनों को अवगत कराया। उन्होंने इस संग्रहालय की विशेषताओं और इसके निमार्ण से संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में श्री सेठ ने भारत माता का नारा दिया और धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा के विषय में विस्तारपूर्वक बताया।
श्री ओराम ने कहा कि पद्मश्री अशोक के संघर्ष एवं योगदान से जनजातीय समाज अत्यंत ही लाभांवित हुआ है और आज भी ये जनजातीय की भलाई के लिए अनवरत प्रयासरत रहते हैं। जनजातीय समुदाय की सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा की है। उन्होंने कहा कि 79 हजार करोड़ खर्च कर 17 मंत्रालयों द्वारा सामुहिक रूप से 549 जिलों के 2911 प्रखण्डों के 63845 गांवों में 25 तरह के कार्य यथा रोड, आवास, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, 25 लाख जनजतीय आवास, 1000 मोबाईल युनिट, 728 जवाहर केन्द्रीय विद्यालय, 78 जनजातीय संग्रहालयों को निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा का गांव आज तीर्थ स्थल बन गया है।
पद्मभूषण डॉ. राम बहादुर राय ने कहा कि जनजातीय गौरव को पुनः स्थापित करने पर बल दिया। भारत के गौरवमयी इतिहास को उन्होंने अन्य देशों के इतिहास से महत्वपूर्ण बताया और कहा कि अब तक हमें बनारस के जिन ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराया गया था, वह गलत था। उन्होंने बनारस के वास्तिविक इतिहास से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अशोक भगत को मैंने कहा कि यदि आप विद्यार्थी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष के बाद राजनीति में जाना चाहते हैं, चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो अलग बात है। अन्यथा मैं आप से कहूंगा कि आप बिशुनपुर जनजातीय क्षेत्र में जाकर जनजातियों के उत्थान के लिए कार्य करें। उन्होंने मेरे इस आग्रह को स्वीकार किया और विगत 43 वर्षां से जनजातीय उत्थान के लिए संघर्षरत है। अशोक भगत ने अपना पूरा जीवन जनजातियों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।
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