रांची , दिसंबर 23 -- झारखंड की राजधानी रांची स्थित ऑड्रे हाउस में मंगलवार से दो दिवसीय नाची से बाची जनजातीय स्वशासन महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ।

इस महोत्सव का आयोजन पंचायती राज विभाग, झारखंड सरकार की ओर से किया गया है। आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनजातीय स्वशासन की अवधारणा को सुदृढ़ करना, ग्राम सभाओं को सशक्त बनाना तथा पारंपरिक शासन व्यवस्था को नई ऊर्जा प्रदान करना है।

महोत्सव का उद्घाटन पारंपरिक नगाड़ों की गूंज के साथ हुआ। राज्य के विभिन्न जिलों से आए स्थानीय कलाकारों ने नगाड़ा वादन प्रस्तुत कर पूरे परिसर को जनजातीय संस्कृति के रंग में रंग दिया। कार्यक्रम में पंचायती राज विभाग की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहीं और उन्होंने दीप प्रज्वलन कर महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया।

दो दिवसीय इस आयोजन के दौरान जनजातीय जीवन, संस्कृति और स्वशासन से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें जनजातीय विषयक गोष्ठी, पारंपरिक नृत्य-संगीत की प्रस्तुतियां, फिल्म शो, जनजातीय शिल्प प्रदर्शनी, आदिवासी खान-पान के स्टॉल, पेंटिंग प्रदर्शनी तथा जनजातीय भाषाओं के कवियों की गोष्ठी शामिल हैं। इन सभी कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्वशासन की परंपरा को व्यापक मंच प्रदान किया जा रहा है।

महोत्सव में राज्य भर से आए स्थानीय कलाकारों और प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिससे आयोजन जीवंत और जन-सरोकार से जुड़ा नजर आया। इसके साथ ही तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया गया, जिसमें पेसा कानून (पंचायतों का अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार अधिनियम) को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।

इस अवसर पर पंचायती राज विभाग के न्यूज लेटर का विमोचन किया गया और विभागीय पोर्टल का भी अनावरण किया गया। इन पहलों का उद्देश्य पंचायत व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाना, सूचनाओं को आम जनता तक सहज रूप से पहुंचाना तथा डिजिटल माध्यम से स्वशासन को और मजबूत करना है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पेसा कानून को प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। ग्राम सभाओं को सशक्त किया जा रहा है, ताकि निर्णय प्रक्रिया में स्थानीय समुदाय की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि पारंपरिक व्यवस्थाओं को मजबूत कर जनजातीय स्वशासन को जमीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है।

मंत्री श्रीमती सिंह ने यह भी कहा कि स्वशासन की यह पहल जननायक गुरुजी के सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि नाची से बाची जनजातीय स्वशासन महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि जनजातीय अधिकार, पहचान और स्वशासन के विचार को नई दिशा देने वाला प्रभावी मंच बनकर उभर रहा है।

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