बेंगलुरु , अक्टूबर 17 -- कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक एन रविकुमार ने राज्य सरकार से लिंगसुगुर नगरपालिका में पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) का निलंबन तुरंत रद्द करने की मांग की है।
लिंगसुगुर के पीडीओ के. प्रवीण कुमार को कथित तौर पर आरएसएस की एक रैली में भाग लेने के कारण निलंबित कर दिया गया था।
श्री रविकुमार ने यहां मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सरकार पर संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि कौन सा कानून किसी सरकारी अधिकारी को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने से रोकता है और कहा कि केंद्र सरकार ऐसी भागीदारी की अनुमति देती है।
उन्होंने ठेकेदारों के बयानों का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए और कहा कि कांग्रेस सरकार 60 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों का 33,000 करोड़ रुपये बकाया है और भुगतान में देरी के कारण चल रही विकास परियोजनाएं ठप हो गई हैं। ठेकेदारों ने कथित तौर पर चेतावनी दी है कि अगर दिवाली से पहले भुगतान जारी नहीं किया गया, तो वे त्योहार के बाद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
विपक्षी नेता ने आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों और नागरिकों के खिलाफ उठाए गए कदमों की आलोचना की और ऐसी कार्रवाइयों को "राष्ट्र-विरोधी और समाज-विरोधी" बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री से इन फैसलों की समीक्षा करने का आग्रह किया।
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