नयी दिल्ली , अक्टूबर 23 -- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने और कार्य प्रणाली में एकरूपता लाने के लिए नयी रक्षा खरीद नियमावली 2025 गुरूवार को जारी कर दी। रक्षा मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि नई नियमावली प्रक्रियाओं को सरल बनाने के साथ-साथ कार्यप्रणाली में एकरूपता लाएगी और सशस्त्र बलों को संचालन संबंधी तैयारियों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति में मदद करेगी। यह नियमावली आगामी एक नवम्बर से लागू होगी और इससे तीनों सेनाओं तथा रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा की जाने वाली लगभग एक लाख करोड़ रुपये की राजस्व खरीद को सुगम बनाएगी।
रक्षा मंत्री ने नियमावली में संशोधन के लिए रक्षा मंत्रालय और एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा विनिर्माण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एमएसएमई और स्टार्ट-अप को और अधिक अवसर मिलेंगे जिससे खरीद में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) डॉ. मयंक शर्मा ने इस अवसर पर रक्षा उत्पाद प्रबंधन (डीपीएम) 2025 का संक्षिप्त विवरण दिया और कहा कि इस नियमावली को तीनों सेनाओं तथा अन्य हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद तैयार किया गया है।
वक्तव्य में कहा गया है कि इससे निर्णय लेने में तेजी और व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रमुख प्रावधानों में बदलाव किया गया है। सामग्री और सेवाओं की देरी से डिलीवरी पर लगाए जाने वाले परिसमाप्त क्षतिपूर्ति (एलडी) में ढील दी गई है और केवल अत्यधिक देरी के मामलों में ही अधिकतम 10 प्रतिशत क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। स्वदेशीकरण के मामले में इस प्रावधान में और ढील दी गई है, जहां अन्य मामलों में लागू 0.5 प्रतिशत प्रति सप्ताह के बजाय केवल 0.1 प्रतिशत एलडी प्रति सप्ताह लगाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त स्वदेशीकरण के अंतर्गत सार्वजनिक अथवा निजी कंपनियों द्वारा विकसित वस्तुओं के लिए पांच वर्ष और उससे अधिक समय तक के सुनिश्चित ऑर्डर के प्रावधान हैं। संशोधित प्रावधानों के अनुसार, 50 लाख रुपये तक की राशि और असाधारण मामलों में इससे अधिक मूल्य के लिए सीमित निविदा पूछताछ का सहारा लिया जा सकता है।
संशोधित नियमावली में अन्य स्रोतों से खरीद करने से पहले पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड से 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' लेने की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। संशोधित नियमावली जहाजों की मरम्मत और रीफिटिंग तथा विमानन उपकरणों की मरम्मत/ओवरहालिंग के मामले में कार्य में 15 प्रतिशत वृद्धि के लिए अग्रिम प्रावधान करने में सक्षम बनाती है।
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