लखनऊ , अक्टूबर 7 -- भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद अब परिवार से निकलकर सियासत के गलियारों तक पहुँचने की तैयारी में है। मंगलवार को लखनऊ पहुंचे ज्योति सिंह के पिता रामबाबू सिंह ने कहा है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी बेटी के सम्मान और न्याय की मांग करेंगे।
रामबाबू सिंह और उनकी पुत्री ज्योति सिंह देर-सबेर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सकते हैं। रामबाबू का कहना है कि वे किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत कारण से नहीं, बल्कि एक पिता के रूप में बेटी के सम्मान और सुरक्षा की गुहार लेकर आए हैं । उन्होने कहा " हमारी बस इतनी मांग है कि बेटी को सम्मान के साथ रखे।"जो घटनाक्रम हुआ उसके बारे में उन्होंने कहा कि हमारी बेटी उनसे बात करने ही आई थी। लेकिन वह बातचीत नहीं किए उल्टा पुलिस को भेज दिया है। पुलिस पहुंच गई और बेटी को ले जाने लगी तो उसने कहा मेरा क्या जुर्म यह बताएं। उन्होंने पुलिस से कहा कि मेरा गुनाह क्या है। हम यह चाहते हैं कि हमें इंसाफ मिले।
रामबाबू का इसके पहले एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें वह मुख्यमंत्री योगी से इंसाफ की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने वीडियो में मुख्यमंत्री से अपनी बेटी के बचाने की गुहार लगाई है। वह वीडियो में कह रहे हैं कि योगी जी की पार्टी का मूल मंत्र है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। आज मेरी बेटी बहुत दुर्दिन देख रही है। वह तड़फ रही है। मैं भी बीमार चल रहा हूं। आज हूं कल नहीं रहूंगा। ऐसे मेरी बेटी का क्या होगा। उसे इंसाफ दिलाएं बेटी को न्याय मिले। यही हमारी मांग है।
गौरतलब है कि भोजपुरी सिनेमा के अभिनेता पवन सिंह का पारिवारिक विवाद गरमाता जा रहा है। पत्नी ज्योति और उनके बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। बीते रविवार को ज्योति सिंह अभिनेता के घर लखनऊ पहुंचीं और फूट-फूटकर रोईं। सोशल मीडिया पर लाइव आकर उन्होंने पवन सिंह पर कई आरोप लगाए हैं। यहां आकर उन्होंने कहा कि उन्हें घर में जाने नहीं दिया जा रहा है और उनके लिए पुलिस बुलवाई गई है। साथ ही उन्होंने अभिनेता पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें खूब रोते हुए भी देखा गया था।
वहीं भोजपुरी अभिनेता ने सोशल मीडिया पर पलटवार किया है। उन्होंने लिखा कि मैं अपने जीवन में एक हीं बात जानता हूँ की जनता मेरे लिए भगवान है, क्या मैं आप सब के जनभावना को ठेस पहुँचाऊँगा जिनके बदौलत मैं यहाँ तक पहुँचा।
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