लखनऊ , नवम्बर 26 -- उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की सुरक्षा एवं संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं।

अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के 746 शैक्षिक रूप से पिछड़े विकास खण्डों में संचालित इन पूर्णत: आवासीय विद्यालयों में 11 से 18 वर्ष तक की किशोरियों को कक्षा 6 से 12 तक शिक्षा प्रदान की जाती है। ऐसे में छात्राओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहयोग को मजबूत करने के लिए शासन ने विशेष निगरानी व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं जिला शिक्षा परियोजना समिति के अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि विद्यालयों में सुरक्षा-व्यवस्था की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा है कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हर बालिका सुरक्षित वातावरण में पढ़े और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े।

हर केजीबीवी का त्रैमासिक सघन औचक निरीक्षण: निर्देशों में कहा गया है कि जिलाधिकारी तीन सदस्यीय दल गठित करेंगे, जिसमें एक मजिस्ट्रेट और एक महिला अधिकारी अनिवार्य होगा। वहीं, निरीक्षण रिपोर्ट और एक्शन टेकन रिपोर्ट जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद राज्य कार्यालय भेजी जाएगी।

शासन ने निर्देश दिया है कि गणमान्य महिलाओं और आकांक्षा समिति की सदस्याओं को विजिटर के रूप में नामित किया जाए, जो हर 15 दिन में विद्यालयों का निरीक्षण कर छात्राओं की समस्याओं पर चर्चा करें और समाधान सुनिश्चित कराएं।

सरकार का कहना है कि इन व्यवस्थाओं से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का संचालन और अधिक प्रभावी एवं सुरक्षित होगा, ताकि प्रदेश की हर बेटी निडर होकर अपनी शिक्षा और सपनों को आगे बढ़ा सके।

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