लखनऊ , नवंबर 15 -- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर हार्दिक शुभकामनायें दी हैं और कहा है कि उन्होंने जंगलों को जागरण, जनों को जननी के प्रति समर्पण की नई परिभाषा दी।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर किए गए अपने संदेश में कहा ," मातृभूमि के मान और महिमा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती 'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। उनकी हर पुकार में स्वतंत्रता की गूंज, हर कदम में स्वाभिमान की ज्वाला थी। उन्होंने जंगलों को जागरण, जनों को जननी के प्रति समर्पण की नई परिभाषा दी।जय जोहार।"योगी ने कहा "भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यभूमि, अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से सुसज्जित झारखंड राज्य के स्थापना दिवस पर सभी झारखंड वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह राज्य निरंतर विकास, समृद्धि और जन-कल्याण के पथ पर आगे बढ़ता रहे, बाबा बैद्यनाथ से यही प्रार्थना है।"गौरतलब है कि झारखंड में जन्मे बिरसा मुंडा ने जंगल, जल और जमीन को बचाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। अंग्रेजों ने उनको दो साल तक जेल में रखा लेकिन जेल से बाहर निकलने पर भी उन्होंने संघर्ष जारी रखा। ब्रिटिश शासन के खिलाफ मुंडा जनजाति के विद्रोह का नेतृत्व उन्होंने किया था। इसी वजह से उस धरती को आबा के नाम से जाना जाता है। बिरसा मुंडा ने आदिवासी भूमि अधिकारों, संस्कृतिक पहचान के लिए संघर्ष किया। 15 नवंबर 1875 में झारखंड के उलिहातू ग्राम में साधारण परिवार में बिरसा मुंडा ने जन्म लिया था।अपने समुदाय पर हो रहे ब्रिटिश सरकार के शोषण और उनकी जमीनें छीने जाने को बचपन से ही काफ़ी क़रीब से देखा था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित