लखनऊ , अक्टूबर 10 -- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
योगी ने एक्स पर लिखा " पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, 'पद्म विभूषण' मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।"गौरतलब है कि 22 नवंबर 1939 को इटावा के सैफई गांव में मूर्ति देवी और सुघर सिंह के घर जन्मे मुलायम सिंह यादव का सफर एक आम किसान परिवार से शुरू होकर उत्तर प्रदेश की सत्ता के शिखर तक पहुंचा। प्रदेश की राजनीति में 'नेताजी' के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव ने भारतीय राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी। इटावा जिले के सैफई गांव में जन्मे मुलायम सिंह यादव ने एक साधारण किसान परिवार से निकलकर देश की सियासत में एक नया मुकाम बनाया।उनकी कहानी संघर्ष, साहस और सामाजिक न्याय की लड़ाई की मिसाल है।
पांच भाई-बहनों में से एक, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। राजनीति विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर करने के बाद, उन्होंने शिक्षक के रूप में करियर शुरू किया।1963 में करहल के जैन इंटर कॉलेज में अध्यापक बने मुलायम जल्द ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए। राम मनोहर लोहिया और राज नारायण जैसे समाजवादी नेताओं से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू किया था ।
1967 में पहली बार जसवंतनगर से विधायक चुने गए और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी राजनीतिक यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही।वो 1975 की इमरजेंसी में 19 महीने जेल में रहे, लेकिन इससे उनका हौसला नहीं टूटा। साल 1969, 1974 और 1977 में वे लगातार विधायक चुने गए। 1977 में जनता पार्टी की लहर में राम नरेश यादव सरकार में मात्र 38 साल की उम्र में सहकारिता मंत्री बने।यहां से उनकी छवि एक कुशल प्रशासक की बनी, जो किसानों और पिछड़ों के हितों की रक्षा करता है।1980 के दशक में मुलायम का कद तेजी से बढ़ा। लोकसभा में 7 बार (1989 से 2019 तक) और विधानसभा में 10 बार जीतने का रिकॉर्ड आज भी उनके नाम है ।मुलायम सिंह यादव की राजनीति में विवाद भी कम न थे। परिवारवाद के आरोप लगे तो मंडल आयोग लागू करने पर उच्च वर्ग का विरोध झेला।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित