अलवर , दिसम्बर 24 -- यू-ट्यूबर बनने की चाहत में 15 वर्षीय किशोर कर्नाटक के बेंगलूर से राजस्थान में अलवर पहुंच गया, जहां पुलिस ने उसे अपने संरक्षण में लेकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बेंगलुरु के जीटी विद्या मंदिर में कक्षा दसवीं पढ़ने वाले आश्विक यू ट्यूबर बनना चाहत था। इसके लिये वह 10 वर्ष की उम्र से मम्मी पापा के मोबाइल से यू-ट्यूबर बनने की जानकारी हासिल करता रहा। उसे हिन्दी नहीं आती थी। उसके राज्य में हिन्दी का प्रचलन ही नहीं है, लिहाजा उसने हिन्दी भाषा यू-ट्यूब के माध्यम से सीखी। अब वह हिन्दी भी अच्छा बोल लेता है। वह बालक चार भाषाओं को जानता है।
वह हिंदी का बड़ा यू-टयूबर बनना चाहता था। एक यू-ट्यूब चैनल पर उसने किसी अमिता शर्मा से बात की। उससे गुर सीखने के लिये वह घर पर बताये बिना रेलगाड़ी से बेंगलोर से राजस्थान में कोटपुतली के समीप बानसूर के गिरुडी में अमित शर्मा नाम के यू-ट्यूबर से मिलने के लिये रवाना हो गया। वह अलवर पहुंचा तो बस स्टैंड पर संदेह के आधार रोडवेज बस कंट्रोल रूम के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचित कर दिया। उस बालक को सदर पुलिस थाना प्रभारी अजीत बड़सरा के पास सुपर्द कर दिया गया। पुलिस ने उसके परिजन को सूचित किया और मंगलवार की शाम को उसके परिजन और बेंगलुरु पुलिस के अधिकारी अलवर सदर पुलिस थाने पहुंच गये। इसके बाद उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
उस बालक ने बताया कि उसके पिता टेलीकॉम कंपनी में इंजीनियर है और दुर्घटना होने पर पैरों में परेशानी होने के कारण दो वर्ष तक उन्होंने वर्क फ्रॉम होम किया जिससे उनकी सेलरी कंपनी द्वारा कम कर दी गयी। ऐसे में घर का खर्चा चलाने के लिये उसने यू-ट्यूबर बनने का फैसला किया।
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