ग्रेटर नोएडा, सितंबर 26 -- यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे दिन दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित ट्रेड शो के दूसरे दिन कुल 91,259 आगंतुक पहुंचे, जिनमें 23,758 बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) और 67,501 बी2सी (बिजनेस टू कंज्यूमर) शामिल रहे। पहले दिन आए 49 हजार आगंतुकों को जोड़कर दो दिनों में कुल 1,40,259 दर्शक ट्रेड शो पहुंचे।

यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग फुटफॉल उत्तर प्रदेश की बढ़ती औद्योगिक ताकत और यूपीआईटीएस की वैश्विक पहचान को दर्शाता है। इस आयोजन को न केवल व्यापार जगत के पेशेवरों ने सराहा, बल्कि आम दर्शकों ने भी प्रदर्शनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में गहरी रुचि दिखाई।

दिनभर चले विविध कार्यक्रमों में भारत-रूस बिजनेस डायलॉग केंद्र में रहा। इसमें 85 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया और 240 से ज्यादा बी2बी बैठकें हुईं। इन बैठकों के परिणामस्वरूप लगभग 120 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए, जिनका अनुमानित मूल्य 5.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।

दूसरे दिन एमएसएमई, शहरी विकास, आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी कई विषयगत सत्र आयोजित किए गए। छात्रों और युवाओं की भारी भागीदारी ने भी आयोजन को विशेष बनाया। करीब दो हजार से अधिक युवा व्यापार-उन्मुख गतिविधियों से जुड़े, जबकि 362 छात्रों ने क्विज, माइम और मॉडल यूनाइटेड नेशंस जैसी प्रतियोगिताओं में प्रतिभा दिखाई।

शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन की भव्यता को और बढ़ा दिया। इसमें भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की नृत्य-नाटिका, श्रीकृष्ण लीला, रसिया गायन, चरकुला नृत्य और जयपुर के स्वराग बैंड की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यूपीआईटीएस 2025 के दूसरे दिन आयोजित सत्र 'एमएसएमई@2047 - एक विकसित भारत का इंजन' में शामिल हुए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए यूपीआईटीएस जैसे और आयोजन देशभर में होने चाहिए। इससे न केवल उद्यमियों को मंच मिलेगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होंगे। मांझी ने कहा कि यूपी में हर जिले तक एमएसएमई को मजबूत बनाने की दिशा में सरकार प्रयासरत है और ऐसी पहल पूरे देश में फैलनी चाहिए।

इसी सत्र में प्रदेश के एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। जहां आवश्यकता होगी, नीतियों में संशोधन किया जाएगा और हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। सचान ने कहा कि भारत को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य एमएसएमई की ताकत और योगदान के बिना पूरा नहीं हो सकता।

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