मोहाली , अक्टूबर 28 -- पंजाब सरकार के 'युद्ध नशों विरुद्ध' अभियान के तहत उपायुक्त कोमल मित्तल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरमनदीप सिंह हांस ने मंगलवार को एक संयुक्त बैठक में जिले में चल रही नशा मुक्ति यात्रा और सामाजिक लामबंदी से जुड़ी पहल की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक को संबोधित करते हुए सुश्री मित्तल ने बताया कि नशा मुक्ति यात्रा अब तक जिले के लगभग सभी गांवों और वार्डों में पहुंच चुकी है। इससे लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है और युवाओं को नशे की लत से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में ग्राम एवं वार्ड रक्षा समितियों का गठन पूरा कर लिया गया है। सुश्री मित्तल ने कहा कि अगले चरण में इन समिति सदस्यों के लिए छह और सात नवंबर को प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जायेंगे। प्रत्येक दिन दो सत्र होंगे, एक सुबह और एक दोपहर में। इन सत्रों में सदस्यों को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि अब सदस्यों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी। उन्हें नशे से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान करनी होगी और 'युद्ध नशों विरुद्ध' मोबाइल ऐप के माध्यम से नशे की तस्करी से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी होगी। उपायुक्त ने सिविल और पुलिस अधिकारियों को इन समितियों के साथ निकट समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये, ताकि किसी भी क्षेत्र में अवैध नशा गतिविधियों को रोका जा सके।

श्री हांस ने कहा कि पुलिस विभाग नशा विरोधी मिशन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि कई नशा पीड़ितों का इलाज सरकारी नशा मुक्ति केंद्र, सेक्टर-66 में चल रहा है, जबकि अन्य ओपियोइड असिस्टेड ट्रीटमेंट केंद्रों के माध्यम से उपचार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नशे की आपूर्ति कड़ी तोड़ने के लिए तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी उपाधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार, स्थानीय समितियों के सहयोग से 'नशा मुक्त पंजाब' के सपने को साकार करने के लिए सक्रियता से काम करें।

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