नयी दिल्ली , नवंबर 08 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने मोनाड विश्वविद्यालय से जुड़े फर्जी डिग्री घोटाले की चल रही जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में 15 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
ईडी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यह मामला एक विशिष्ट सूचना पर आधारित था, जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 18 मई को मोनाड विश्वविद्यालय पर छापा मारा।
ईडी की छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में जाली और नकली शैक्षणिक दस्तावेज़ बरामद किये गये, जिनमें मार्कशीट, डिग्रियां, प्रोविजनल सर्टिफिकेट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट शामिल थे, जो कथित तौर पर हापुड़ के पिलखुआ स्थित मोनाड विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये गये थे।
आरोपियों ने कथित तौर पर एक निश्चित समयावधि में ऐसे हजारों दस्तावेजों की जालसाजी की और उनकी बिक्री से भारी अवैध आय अर्जित की। इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद 2025 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुआ पुलिस थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने विजेंद्र सिंह, उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा, को इस संगठित रैकेट का सरगना बताया है। वह मोनाड विश्वविद्यालय का कुलाधिपति और नियंत्रक अधिकारी है और उस पर विश्वविद्यालय नेटवर्क के माध्यम से जाली दस्तावेज़ तैयार करने और जारी करने में मदद करने का आरोप है। विजेंद्र उन्नाव स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज का सचिव भी है। इसके बाद, यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत की गयी तलाशी के दौरान ईडी ने 43 लाख रुपये की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। ईडी ने कहा कि मामले की जांच जारी है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित