नयी दिल्ली , अक्टूबर 03 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजधानी दिल्ली में शनिवार को 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की युवा विकास पहलों का लोकार्पण करेंगे, जिससे देश भर में युवाओं को शिक्षा, कौशल और उद्यमिता की दिशा में बढ़ावा मिल सकेगा।

इन युवा विकास पहलों के केंद्र में बिहार में युवा कौशल और शिक्षा को रखा गया है, जिसके अंतर्गत बिहार के पांच लाख स्नातकों को दो साल तक मासिक भत्ता, बिहार के छात्रों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का उद्घाटन, बिहार के चार विश्वविद्यालयों में नयी शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखने के साथ ही बिहटा में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) पटना के नये परिसर के साथ ही कई अन्य योजनाओं की प्रधानमंत्री सौगात देंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय से शुक्रवार को जारी सूचना के अनुसार यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में चौथा राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह के साथ विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 46 अखिल भारतीय सर्वश्रेष्ठ युवा को सम्मानित किया जायेगा।

इस अवसर श्री मोदी 60,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ केंद्र की पीएम-सेतु (अपग्रेडेड आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन) योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना में देश भर में 1,000 सरकारी आईटीआई का हब-एंड-स्पोक मॉडल में उन्नयन करने की परिकल्पना की गयी है, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल हैं। प्रत्येक हब औसतन चार स्पोक से जुड़ा होगा, जिससे उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक ट्रेडों, डिजिटल शिक्षण प्रणाली और इनक्यूबेशन सुविधाओं से युक्त समूह तैयार किये जायेंगे। परियोजना कार्यान्वयन के प्रथम चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

इस अवसर पर श्री मोदी 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे। इन प्रयोगशालाओं में दूरस्थ और जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों सहित, सूचना-प्रौद्योगिकी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसद और पर्यटन जैसे 12 उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी। इस परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए प्रारंभिक आधार तैयार करने के लिए 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी शामिल है।

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