नयी दिल्ली , दिसंबर 26 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संथाली भाषा में भारत के संविधान के प्रकाशन की सराहना की है और कहा है कि इससे संवैधानिक जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को ओल चिकी लिपि में संथाली भाषा में भारत के संविधान की प्रति जारी की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को संथाली संस्कृति और राष्ट्रीय प्रगति में संथाली लोगों के योगदान पर गर्व है। उन्होंने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा , 'बहुत ही सराहनीय प्रयास!' संथाली भाषा में संविधान, संवैधानिक जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को परिपुष्ट करने में सहायक होगा। भारत को संथाली संस्कृति और राष्ट्रीय प्रगति में संथाली लोगों के योगदान पर बहुत गर्व है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में कल आयोजित एक कार्यक्रम में संथाली भाषा में भारत के संविधान की प्रति जारी की थी। राष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी संथाली लोगों के लिए गर्व और खुशी की बात है कि भारत का संविधान अब 'ओल चिकी' लिपि में संथाली भाषा में उपलब्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे संथाल भाषा भाषी संविधान को अपनी भाषा में पढ़ और समझ पाएंगे।
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