नयी दिल्ली , अक्टूबर 26 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकजुटता पर बल दिया है।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा है कि आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते की जल्द समीक्षा से परस्पर संबंधों की पूरी आर्थिक क्षमता का इस्तेमाल किया जा सकता है और क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हो रहे 22 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में रविवार को वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री और आसियान नेताओं ने मिलकर आसियान-भारत संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए पहलों पर चर्चा की। यह भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की 12वीं भागीदारी थी। श्री मोदी ने तिमोर लेस्ते को आसियान का 11वां सदस्य बनने पर बधाई दी, आसियान के पूर्ण सदस्य के तौर पर पहले आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया, और उसके मानव विकास के लिए भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री ने आसियान एकता, आसियान केंद्र बिन्दू और हिन्द प्रशांत पर आसियान आउटलुक के लिए भारत के समर्थन को दोहराते हुए 'आसियान समुदाय विजन 2045' को अपनाने पर आसियान की सराहना की।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते की जल्द समीक्षा से लोगों के फायदे के लिए संबंधों की पूरी आर्थिक क्षमता का इस्तेमाल किया जा सकता है और क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता के महत्व पर जोर दिया। मलेशिया की अध्यक्षता में सम्मेलन के "समावेशिता और स्थिरता" की थीम के समर्थन में प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी (2026-2030) को लागू करने के लिए आसियान-भारत कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए विस्तारित समर्थन की घोषणा के साथ साथ पर्यटन सहयोग को मजबूत करने के लिए सतत पर्यटन पर आसियान-भारत संयुक्त नेताओं का बयान से सहमति जताई और इस बात का उल्लेख किया कि आसियान-भारत 2025 को पर्यटन वर्ष के रूप में मना रहे हैंउन्होंने समुद्री अर्थव्यवस्था में साझेदारी बढाने के लिए वर्ष 2026 को " आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष" के रूप में घोषित किया। सुरक्षित समुद्री वातावरण के लिए आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की दूसरी बैठक और दूसरा आसियान-भारत समुद्री अभ्यास आयोजित करने का प्रस्ताव किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पड़ोस में संकट के समय में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेगा, और आपदा तैयारी और मानवीय सहायता में सहयोग को और मजबूत करेगाआसियान पावर ग्रिड पहल का समर्थन करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा में 400 पेशेवरों को प्रशिक्षण देगा। साथ ही 'क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट्स' को तिमोर लेस्ते तक बढ़ायेगा। क्षेत्रीय विशेषज्ञता विकसित करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय में दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र की प्रस्तावित स्थापना की भी घोषणा की गयी।

उन्होंने शिक्षा, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, फिनटेक और सांस्कृतिक संरक्षण में चल रहे सहयोग के समर्थन , और बुनियादी ढांचे, सेमीकंडक्टर, उभरती प्रौद्योगिकियों, दुर्लभ पृथ्वी और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोथल में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन समुद्री विरासत महोत्सव और समुद्री सुरक्षा सहयोग पर एक सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।

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