रायपुर , नवंबर 01 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर यहां देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण किया।
श्री मोदी ने नवा रायपुर के सेक्टर-24 में लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह संग्रहालय उन महान आदिवासी नायकों को समर्पित है, जिन्होंने अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह संग्रहालय न केवल इतिहास का दर्पण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बनेगा। उन्होंने याद दिलाया कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गयी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए शुरू की गयी योजनाएं, पीएम जनमन मिशन और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में नयी ऊर्जा भर रही हैं।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर बने इस आधुनिक संग्रहालय में अत्याधुनिक वीएफएक्स तकनीक, डिजिटल डिस्प्ले और क्यूआर कोड आधारित इंटरएक्टिव फीचर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से दर्शक इतिहास की कहानियों को अनुभव कर सकेंगे।
संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के प्रमुख जनजातीय आंदोलनों, हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भूमकाल आंदोलन, सोनाखान विद्रोह, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह की प्रेरक झलकियों को 14 अलग-अलग सेक्टरों में प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक सेक्टर में डिजिटल प्रोजेक्शन और आर्ट इंस्टॉलेशन के ज़रिए उस काल की ऐतिहासिक गाथाएं जीवंत हो उठती हैं।
संग्रहालय परिसर में वीर नारायण सिंह की स्मृति में भव्य स्मारक भी निर्मित किया गया है। सरगुजा के कलाकारों द्वारा तैयार सुंदर नक्काशीदार पैनलों और ट्राइबल आर्ट से सजे फर्श ने परिसर को विशेष पहचान दी है। परिसर में स्थापित भगवान बिरसा मुंडा और शहीद गैंदसिंह की मूर्तियां संग्रहालय की सांस्कृतिक गरिमा को और बढ़ाती हैं।
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