मानेसर , अक्टूबर 14 -- केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 'शून्य सहिष्णुता' की नीति को दृढ़ता से लागू किया है और वर्ष 2019 के बाद से केंद्र सरकार ने आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए यूएपीए और एनआईए अधिनियम में संशोधन किए हैं।

श्री शाह ने मंगलवार को देश की विशिष्ट आतंकवाद-रोधी इकाई राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की स्थापना के 41 वर्ष पूरे होने परआयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पीएमएलए कानून के माध्यम से आतंकवादी फंडिंग पर सख्ती की गयी है। इसके साथ ही, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाकर केंद्र ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत किसी भी प्रकार के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पहली बार तीन नए आपराधिक कानूनों में आतंकवाद की परिभाषा को स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है, ताकि आतंकवादी अदालतों में कानूनी कमियों का फायदा न उठा सकें।

उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव जैसी कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए कहा कि "हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने यह साबित किया है कि आतंकवादी अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, भारत उन्हें खोज कर न्याय के कटघरे में लाएगा।"गृह मंत्री ने एनएसजी के साहस और पराक्रम को सलाम करते हुये कहा कि एनएसजी भारत की सुरक्षा व्यवस्था की रीढ़ है, जिसने बीते चार दशकों में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी है।केंद्र सरकार आने वाले समय में एनएसजी को और अत्याधुनिक तकनीक से लैस करेगी और इसे वैश्विक स्तर की सर्वश्रेष्ठ आतंकवाद-रोधी बल के रूप में विकसित करेगी।

वर्तमान में एनएसजी के छह हब मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद और जम्मू में कार्यरत हैं, जबकि अयोध्या में नया हब स्थापित किया जा रहा है। ये सभी हब अपने-अपने क्षेत्रों में किसी भी आकस्मिक आतंकी हमले का त्वरित और प्रभावी जवाब देने के लिए सदैव तैयार रहेंगे।

श्री शाह ने इस मौके पर मानेसर परिसर में विशेष अभियान प्रशिक्षण केंद्र ( एसओटीसी) का शिलान्यास भी किया। 141 करोड़ रुपये की लागत से आठ एकड़ क्षेत्र में बनने वाला यह अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र न केवल एनएसजी कमांडो, बल्कि देशभर के राज्य पुलिस बलों की आतंकवाद-रोधी इकाइयों को भी उच्चस्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा।

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