नयी दिल्ली , अक्टूबर 14 -- कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन में दलितों पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढ रही हैं और अक्टूबर में जिस तरह की घटनाएं हुयी हैं उनसे साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिसे 'अमृतकाल' कहते हैं वह दलितों के लिए 'शापित काल' बन गया है।

कांग्रेस नेता महिमा सिंह ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस माह दलितों के खिलाफ कई घटनाएं हुयी हैं और उन्हें देखकर मन विचलित होता है लेकिन मोदी सरकार अपनी नाक के नीचे हो रही इन भेदभावपूर्ण घटनाओं की कोई सुध नहीं ले रही है।

श्रीमती सिंह ने कहा कि आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या हमारे समाज और सामाजिक व्यवस्था की अंतरात्मा को झकझोरने वाली त्रासदी है। इससे पीड़ादायक क्या हो सकता है कि पूरन कुमार की पत्नी एक सप्ताह से पति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने का इंतज़ार कर रही हैं। वह और उनके बच्चे तथा परिवार के अन्य सदस्य किस मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं इसकी कल्पना मात्र से ही मन विचलित होने लगता है लेकिन भाजपा सरकार इस जुल्म पर चुप बैठी है।

उन्होंने कहा कि कई दिन बीत गये हैं लेकिन इस आत्महत्या के मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं है। यह पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है इसलिए उन्हें न्याय देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस बारे में तुरंत कार्रवाई कर दोषियों को दंडित करना चाहिए।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि जिस सरकार और जिन संस्थाओं को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए थी, आश्चर्य की बात है कि उन्हीं की देख-रेख में दलित वर्ग के लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि अक्टूबर की शुरुआत से ही कुछ झकझोर देने वाली घटनाएं सामने आयी हैं। इस माह दो अक्टूबर को रायबरेली में हरिओम वाल्मिकी नाम के 38 वर्षीय व्यक्ति को चोरी के झूठे आरोप में पीट-पीटकर मार डाला गया जबकि छह अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर न्यायालय परिसर में ही हमला होता है और नौ अक्टूबर को आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने खुदकुशी कर ली।

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