मोतिहारी , दिसम्बर 23 -- बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी की हवा बीमार और सांसें बोझिल हो गयी है।
मोतिहारी में मंगलवार को हवा की गुणवत्ता "खराब" श्रेणी में रिकार्ड की गयी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार हवा के प्रदूषण का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 241 रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिकार्ड के अनुसार मोतिहारी की हवा में पर्टिकुलेट मैटर(पीएम) 2.5 की औसत उपस्थिति 241 की रही। औसत मात्रा के अतिरिक्त पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा मंगलवार को "बेहद खराब" स्तर 366 तक रही। हवा में पीएम 10 की औसत उपस्थिति "अस्वास्थ्यकर" श्रेणी में 144 रिकार्ड की गयी। इसकी अधिकतम मात्रा "खराब" श्रेणी में 258 तक भी पहुंची।
"ग्रीन ट्रिव्यूनल" के मार्गदर्शन और "प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड" के कानून भी बोझिल हुई मोतिहारी की सांसों को वो राहत में रख पाने में विफल रही हैं। बार-बार हवा प्रदूषित होकर जीवन के लिए संकट पैदा करती है। फिर सुर्खियां बनती है और अगली सुर्खी बनने तक खामोशी छा जाती है। कभी मोतिहारी, नगरपालिका हुआ करता था, फिर नगरपरिषद बना और अब नगरनिगम बन चुका है। मतलब जनसंख्या बढ़ती गयी लेकिन बीमार होती हवा के ईलाज का कोई प्रबन्ध नहीं किया गया।
मंगलवार की सुबह पांच बजे से नौ बजे तक प्राप्त किए गए आंकड़ों के अनुसार मोतिहारी में हवा का प्रदूषण बढ़ते हुए क्रम 235 से 241 तक प्रति घण्टा रिकार्ड किए गए हैं। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्यूआई के अनुसार 0 से 50 श्रेणी की हवा "बेहतर", 51 से 100 तक की "संतोषजनक", 101 से 200 तक की "अस्वास्थ्यकर", 201 से 300 तक की "खराब", 301 से 400 तक की " बेहद खराब" और 401 से 500 तक के श्रेणी की हवा "खतरनाक" मानी जाती है।
हवा की शुद्धता पीएम को मापने के लिए राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उपरोक्त मानक बनाया हैं। इस मानक में आठ प्रकार के तत्वों को शामिल किया गया है। ये सभी तत्व पीएम 10, पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ) 2, सल्फर ऑक्साइड (एसओ) 2, ओजोन (ओ) 3, अमोनिया (एनएच3) और पीबी (सीसा) के नाम में जाने तथा पहचाने जाते है। पीएम 10 में कणों का आकार 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास होता है। इसमें धूल, गर्दा और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। यह धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पराली जलाने से ज्यादा बढ़ता है। पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है। इन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है। विजिबिलिटी का स्तर भी गिर जाता है। इसके भी कारक तत्व पीएम 10 जैसे ही होते हैं।
शेष छह में (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 2) नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से बनी एक लाल-भूरे रंग की, तीखी गंध वाली और हानिकारक गैस है, जो वाहनों, बिजली संयंत्रों एवं घरेलू उपकरणों (जैसे गैस स्टोव) से ईंधन जलने पर बनती है। जिससे स्मॉग, एसिड रेन और श्वसन संबंधी समस्याएं होती हैं। (सल्फर ऑक्साइड 2) कोयले और तेल के जलने से उत्सर्जित होती है। (कार्बन ऑक्साइड 2) डीजल, पेट्रौल, कोयला, पराली और लकड़ी के जलने से बनने वाली गैस है। (ओजोन) तीन ऑक्सीजन परमाणुओं से बनी एक गैस है जो वायुमंडल की दो परतों में पाई जाती है। ऊपरी वायुमंडल (समताप मंडल) में यह हानिकारक यूभी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है (अच्छी ओज़ोन), जबकि निचले वायुमंडल (क्षोभमंडल) में यह प्रदूषण का कारण बनती है और सांस लेने में परेशानी पैदा करती है। अमोनिया) कूड़ा, सीवरेज, कृषि और औधौगिक प्रक्रिया से निकलने वाली दमघोटू गैस है। पीबी (सीसा) एक नरम, सघन, प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला धातु है, जिसका लंबे समय तक सेवन जीवन को संकट में डाल सकता है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वायु गुणवत्ता सूचकांक में पीएम 10 और 2.5 की उपस्थिति ने मोतिहारी की हवा को खराब श्रेणी में पहुंचाया है। शेष सभी छह तत्वों की उपस्थिति बेहतर श्रेणी में है। पीएम 10 और 2.5 की हवा में खराब स्तर की उपस्थिति से होने वाले नुकसान का जानकर यूं आकलन करते हैं कि पीएम 2.5 के कण, सीधे हमारे फेफड़ों में घुसपैठ कर सकते हैं और शरीर में आसानी से अवशोषित भी हो जाते हैं। लंबे समय तक इन सूक्ष्म कण पदार्थ के संपर्क में रहने से क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, फेफड़े की बीमारी और कार्डियोरेस्पिरेटरी रोग से मौत का खतरा बढ़ सकता है। इसके अतिरिक्त पीएम 2.5 के कणों से कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, आंखों में जलन, त्वचा में एलर्जी और प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अब बात पीएम 10 की, यह पीएम 2.5 से आकर में बड़ा होता है। हवा में इसकी मानक से अधिक होना सांस लेने में कठिनाई सीने में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना जैसी परेशानियों को जन्म देती है।
मोतिहारी में विगत पांच वर्षों में हर वर्ष 23 दिसम्बर का दिन वायु प्रदूषण के मामले में खास रहा है। 2021 में आज के दिन मोतिहारी में वायु प्रदूषण का स्तर 310, 2022 में 224, 2023 में 227 और 2024 में 209 की "खराब" श्रेणी में उपस्थिति दर्ज कराती रही है। यह क्रम पांचवे वर्ष में भी जारी है और आज मंगलवार को हवा ने मोतिहारी में 241 के आंकड़े के साथ "खराब" श्रेणी उपस्थिति दर्ज कर कर अपने पुराने रिकार्ड को जारी रखा है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ये आंकड़ें हवा के स्तर में सुधार के किये गए किसी भी प्रयास को नकारते हैं। मोतिहारी में वर्ष दर वर्ष बोझिल हो रही सांसों का यह ऐसा हिसाब हैं जो बहुत "डरावना" है।
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