वाराणसी , अक्टूबर 18 -- बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर भारत का परचम लहराया है। महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के नेतृत्व में बरेका द्वारा निर्मित 3300 हॉर्स पावर का एसी-एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (चौथा इंजन) शनिवार को मोजाम्बिक के लिए सफलतापूर्वक रवाना किया गया।

श्री सिंह ने इस उपलब्धि के लिए बरेका के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम भावना, तकनीकी दक्षता और समर्पण की सराहना की। यह आपूर्ति मेसर्स राइट्स के माध्यम से 10 इंजनों के निर्माण व निर्यात अनुबंध के तहत की जा रही है। इससे पहले दो इंजन जून 2025 में, तीसरा सितंबर में और अब चौथा 18 अक्टूबर को रवाना किया गया। शेष छह इंजनों का प्रेषण दिसंबर 2025 तक पूरा होगा।

बरेका के ये 3300 एचपी केप गेज (1067 मिमी) इंजन 100 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम हैं। इनमें चालक के लिए रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर, आधुनिक कैब डिज़ाइन और शौचालय जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ हैं, जो इन्हें शक्तिशाली और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाती हैं।

मोजाम्बिक रेलवे (सीएफएम) ने बरेका द्वारा पहले भेजे गए छह 3000 एचपी डीजल इंजनों के शानदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर यह नया अनुबंध सौंपा। यह उपलब्धि भारतीय रेल की निर्माण क्षमता और विश्वसनीयता का प्रमाण है।

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