मैसूर, सितंबर 27 -- कर्नाटक में मैसूर दशहरा उत्सव के दौरान शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और युवा पीढ़ी को परंपराओं से अवगत कराने के लिए पारंपरिक परिधानों में सजे जोड़ों को लेकर बीस से ज़्यादा तांगे शहर के विरासत परिसरों से होकर गुजरे।
तांगा सवारी में शामिल हुए अभिनेता प्रकाश तुमिनाद ने इस पहल पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मैं इस अवसर का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। अपने परिवार के साथ तांगा चलाना और अपनी परंपराओं को करीब से देखना अद्भुत है। इससे हमारी युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। मैं इस पहल के लिए विभाग का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ।"पर्यटन और पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित तांगा सवारी का उद्देश्य विरासत में रुचि जगाना, पारंपरिक परिधानों को बढ़ावा देना और युवाओं में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाना है।
मैसूर के तांगा का इतिहास महाराजाओं के समय से चला आ रहा है। शहर में 40 तांगे और 20 सरोत (चार पहिया गाड़ियाँ) चलती हैं, जिनमें तांगे में चार और सरोत में आठ यात्री बैठ सकते हैं। दशहरा उत्सव के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है, और सरोत अपनी अनूठी, शाही अपील के कारण पसंदीदा बने हुए हैं। तांगावाले इन सवारी के ज़रिए अपनी आजीविका चलाते हैं। तांगा सवारी और सरोत एवं तांगा का दैनिक संचालन मैसूर पर्यटन का एक अभिन्न अंग बना हुआ है, जो शहर के शाही अतीत को वर्तमान उत्सवों से जोड़ता है।
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